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मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांडः इस्तीफा देने में कहीं मंजू वर्मा ने देरी तो नहीं कर दी

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में बिहार की मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा देकर मामले को शांत करने की कोशिश की हो, लेकिन हो सकता है कि उन्होंने ऐसा करने में देरी कर दी जिस कारण विपक्ष को इस मामले पर सरकार को घेरने का मौका मिल गया.

मंजू वर्मा (फाइल) मंजू वर्मा (फाइल)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 08 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर लगातार विरोध और आलोचनाओं के बाद समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने आखिरकार बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन शायद उन्होंने ऐसा करने में देरी कर दी.

वैसे देखा जाए तो इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर तरह की कार्रवाई की, लेकिन यह देरी ही मुख्य कारण है जिस पर विपक्ष लगातार अपनी मांगों को और बढ़ाता जा रहा है और अब बात मुख्यमंत्री के इस्तीफे तक आ पहुंची है.

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खुद कराया सोशल ऑडिट

गौर करने वाली बात है कि बिहार के समाज कल्याण विभाग ने खुद अपनी संस्थाओं का सोशल ऑडिट कराया. टिस्स की रिपोर्ट आई तो समाज कल्याण विभाग ने कार्रवाई में देरी कर दी. हालांकि जब मुजफ्फरपुर बालिका गृह के मामले में 31 मई को एफआईआर हुआ तो उसके अगले दिन संस्था के सर्वेसर्वा ब्रजेश ठाकुर से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी और पूछताछ के बाद 2 जून को जेल भेज दिया गया.

अब तक 10 गिरफ्तारी

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि सीडब्ल्यूसी का अध्यक्ष दिलीप वर्मा अभी भी फरार है.

मामले ने तूल तब पकड़ा जब बालिका गृह की बच्चियों का मेडिकल रिपोर्ट आया जिसमें पाया गया कि 42 बच्चियों में से 34 के साथ बलात्कार हुआ है. उसके बाद से विपक्ष लगातार इस मामले की जांच सीबीआई से कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग करता रहा. इस दौरान चल रहे विधानसभा के मॉनसून सत्र में जमकर हंगामा हुआ.

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30 जुलाई को बिहार सरकार ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी. उसके बाद भी विपक्ष हाईकोर्ट की निगरानी में जांच पर अड़ा रहा. 6 अगस्त को राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट में इस मामले की जांच अपनी निगरानी में कराने का आग्रह किया जिसे कोर्ट ने मान लिया.

इस बीच मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में गिरफ्तार मुजफ्फरपुर के बाल संरक्षण अधिकारी रवि रौशन की पत्नी ने आरोप लगाया कि समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा भी बालिका गृह आते थे. उसके बाद से विपक्ष लगातार मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग करता रहा, लेकिन मंजू डंके की चोट पर अपने पति को निर्दोष बताती रहीं.

CM नीतीश का हो नारको टेस्ट

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रमाण मिलने की बात को लेकर इसे टालते रहे, लेकिन जब मंगलवार को मोबाइल का कॉल डिटेल्स निकाला गया तब मंजू वर्मा के पति और इस मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बीच 17 बार बातचीत हुई. उसके बाद बुधवार को कोर्ट में पेशी के दौरान ब्रजेश ठाकुर ने मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा से फोन पर हुई बातचीत को स्वीकारा. इसके तरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंजू वर्मा को बुलाकर इस्तीफा ले लिया.

बालिका गृह मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सारी कार्रवाई की, लेकिन अपने स्वाभाव के अनुरूप नहीं बल्कि इसमें देरी की गई. जिसकी वजह से विपक्ष लगातार आक्रामक होता दिख रहा. मंजू वर्मा के इस्तीफे के बाद विपक्ष ने नीतीश सरकार के खिलाफ मिलकर हल्ला बोल दिया.

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कांग्रेस ने इसे विपक्ष के दबाव में उठाया गया कदम बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग कर दी है. वहीं आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, 'मैंने तो कल ही मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग लिया था.' और तो और आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता बीरेंद्र ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का नारको टेस्ट कराए जाने की मांग तक कर डाली.

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