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मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाला मामले को कांग्रेस जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है, उधर बीजेपी भी बचाव की रणनीति बनाने में जुटी है.
वहीं लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू
ने संसद की सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को सर्वदलीय
बैठक बुलाई है. बैठक शुरू हो चुकी है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अरुण जेटली और राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ मंत्री और विपक्ष के नेता भी मौजूद हैं.
बताया जाता है कि देर रात हुई बीजेपी की हाई-प्रोफाइल बैठक में यह फैसला किया गया कि किसी का इस्तीफा नहीं
लिया जाएगा. साथ ही इस पर भी चर्चा हुई कि संसद में इन
मुद्दों पर विपक्ष के हमले का मुकाबला और सरकार व पार्टी के जवाब को कैसे
सुसंगत किया जाएगा.
शिवराज-शाह की हुई मुलाकात
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार रात बीजेपी प्रमुख अमित शाह से मुलाकात की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चौहान ने पार्टी प्रमुख को घोटाले से जुड़े विभिन्न मामलों की जानकारी दी और मामले पर अपना रुख उनके सामने रखा. मानसून सत्र को देखते हुए चौहान के दिल्ली दौरे को अहम माना जा रहा है.
सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को व्यापम घोटाले सहित विभिन्न मुद्दों पर निशाने पर लेने को तैयार है. सूत्रों के मुताबिक, चौहान और शाह ने विपक्ष का मुकाबला करने पर चर्चा की. विपक्ष घोटाले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की संलिप्तता के आरोप लगा रहा है और उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है.
कांग्रेस ने दिया अल्टीमेटम
इससे पहले कांग्रेस ने 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए बीजेपी के विवादित मंत्रियों-मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग की, वहीं 7 RCR में बीजेपी की रणनीति को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडू, सुषमा स्वराज और अमित शाह की अहम बैठक हुई.
कांग्रेस ने 21 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र का सारा दारोमदार सरकार पर डालते हुए सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान को हटाने की न्यूनतम कार्रवाई की मांग की है, जबकि बीजेपी ने इन आरोपों का जोरदार ढंग से मुकाबला करने का फैसला किया है. मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र के हंगामेदार रहने के प्रबल आसार नजर आ रहे हैं.
अमित शाह ने तैयार की रणनीति
संसद में विपक्षी हमले के आसार को लेकर हुंकार भरते हुए बीजेपी ने सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान जैसे अपने नेताओं पर प्रहार का आक्रामक तरीके से जवाब देने का फैसला किया है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी, रवि शंकर प्रसाद और पीयूष गोयल सहित पार्टी के विभिन्न सहकर्मियों व पार्टी प्रवक्ताओं के साथ रणनीतिक बैठकें की. इस दौरान राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं.
शाह ने रणनीति को और बेहतर बनाने के लिए जेटली, राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. व्यापम घोटाले और इस ओर हंगामे के मद्देनजर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष से देर रात मुलाकात की.
PM ने बुलाई संसदीय दल की बैठक
इसी बीच प्रधानमंत्री ने सोमवार को बीजेपी संसदीय दल की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. एनडीए के घटक दलों के साथ मोदी की बैठक के बाद बीजेपी संसदीय दल की कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिससे पता चलता है कि 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान विपक्ष का आक्रामक तरीके से सामना करने को लेकर सरकार काफी गंभीर है.
मोदी सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री पहली बार घटक दलों के साथ बैठक करने वाले हैं.
कांग्रेस का वार
दूसरी ओर, नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान संसद का चलना और महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित होना अधिक आसान हो जाएगा यदि बीजेपी विवादित नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि इससे बीजेपी को अपनी छवि ठीक करने में भी मदद मिलेगी, जो घोटालों से प्रभावित हुई है.
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस पार्टी कौन सी न्यूनतम कार्रवाई से संतुष्ट होगी, आजाद ने कहा, 'न्यूनतम कार्रवाई उन सभी को हटाना है. विशेष तौर पर तीन जो ललितगेट में हैं, जिसमें राजस्थान की मुख्यमंत्री और अन्य सांसद एवं केंद्रीय मंत्री हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के दो मंत्री शामिल हैं.'
उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि एक दिन बाद जब संसद का सत्र शुरू होगा प्रधानमंत्री उन सभी के इस्तीफे की घोषणा करेंगे, जो ललितगेट में शामिल हैं या जिन पर आरोप लगे हैं और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जिनके मुख्यमंत्री रहते बड़ी संख्या में गवाहों की मौत हुई है और हजारों को डिग्रियां मिली हैं.'