
देश की खुदरा महंगाई दर पहली तिमाही के अंत यानी मार्च में घटकर 4.83 फीसदी हो गई है. फरवरी महीने में यह 5.18 फीसदी थी. वहीं फरवरी महीने में औद्योगिक विकास दर में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके मुताबिक बीते वित्त वर्ष 2015-16 में 7.5 फीसदी और वर्तमान वित्त वर्ष 2016-17 में 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है.
रेटिंग एजेंसी फिच का सकारात्मक अनुमान
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की विकास दर 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है. फिच की रिपोर्ट के मुताबिक विकास दर 2016-17 में 7.7 फीसदी और 2017-18 में 7.9 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया है. फिच ने कहा कि 2015 की शुरुआत से अब तक भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से रेपो दर में की गई कटौती से विकास को मजबूती मिलेगी, लेकिन रिजर्व बैंक से 25 आधार अंक अतिरिक्त कटौती किए जाने का अनुमान है.
भारत में बढ़ी लोगों की खरीदने की क्षमता
फिच रेटिंग्स ने कहा कि 2015-16 की चौथी तिमाही में वास्तविक जीडीपी विकास निजी खपत के कारण हुआ, क्योंकि आंकड़े के मुताबिक इस दौरान निवेश की विकास दर कम रही और दिसंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन 1.3 फीसदी कम रहा था. वित्त वर्ष 2016-17 और 2017-18 में विकास दर में उत्तरोत्तर बढ़ने का एक कारण यह होगा कि मानसून के सामान्य होने और केंद्र सरकार के कर्मचारियों का वेतन बढ़ने से लोगों के पास खर्च करने की क्षमता बढ़ जाएगी.
दक्षिण एशिया की तरक्की तय करेगा भारत
वहीं विश्वबैंक के मुताबिक भारत की मजबूत बढ़त से दक्षिण एशिया विश्व में सबसे तेजी से विकास करने वाला क्षेत्र बन जाएगा. इस क्षेत्र की विकास दर 2016 में 7.1 फीसदी रहेगी जो सामान्य रूप से बढ़कर 2017 में 7.3 फीसदी तक पहुंच जाएगी. विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया पर केंद्रित अपनी अपनी छमाही रिपोर्ट ‘साउथ एशिया इकोनामिक फोकस’ के ताजा एडिशन में कहा गया है कि इस क्षेत्र में अपनी अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत पूरे क्षेत्र की गति तय करेगा.
वैश्विक मंदी के बावजूद दक्षिण एशिया में मजबूती
रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश अनुकूल माहौल, कंपनियों के कारोबार की बेहतर वित्तीय स्थिति, मजबूत निजी निवेश और आधारभूत ढांचे पर बढ़ते खर्च के कारण भारत की आर्थिक बढ़त वित्तीय वर्ष 2016 में 7.5 प्रतिशत और 2017 में बढ़कर 7.7 प्रतिशत होने की संभावना है. विश्व बैंक दक्षिण एशिया के उपाध्यक्ष एनेटे डिक्सॉन ने कहा कि वैश्विक उठापटक के दौर में भी दक्षिण एशिया ने अपनी मजबूती दिखाई है. इसके पीछे वजह है कि मंदी वाली अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से इनका जुड़ाव कम है. साथ ही तेल की कीमतों में कमी, पूंजी प्रवाह और बाहर से आने वाले मनीऑर्डर का इनको फायदा हुआ है.
कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी से मदद मिली
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि इन देशों में राजकोषीय और वित्तीय स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है. इसके लिए देशों को अधिक राजस्व एकत्र करने और राजकोषीय स्थिति मजबूत बनाने का प्रयास करना होगा. इसके मुताबिक भारत में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को कृषि क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार और सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान में बढ़ोतरी से मदद मिलेगी.