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कोरोना के बीच असम में एक और बीमारी, 13 हजार से ज्यादा सुअरों की मौत

aajtak.in
  • 11 मई 2020,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST
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कोरोना वायरस के बीच असम के 9 जिलों में एक रहस्यमयी बीमारी की वजह से 13 हजार से ज्यादा सुअरों की मौत हो गई है. इसकी वजह से असम समेत आसपास के राज्यों का पशुपालन उद्योग प्रभावित हो रहा है. इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में भी सुअरों में बुखार आने के बाद मरने की खबरें आई थीं. (फोटोः AFP)

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आपको बता दें कि जांच के बाद पता चला है कि इन सुअरों को अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF) हुआ है. असम में इस संक्रमण से पहले सुअर की मौत फरवरी में हुई थी. जो संख्या अब तक बढ़कर 13 हजार से ऊपर पहुंच चुकी है. राज्य सरकार की तरफ से पशुपालन मंत्री अतुल बोरा ने बताया कि यह संक्रमण बड़ी तेजी से फैल रहा है. (फोटोः AFP)

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ASF बीमारी ने असम के 9 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है. इससे इन इलाकों में सुअरों की मौत हो रही है. इस बीमारी से पशुपालक किसानों की आमदनी पर बुरा प्रभाव पड़ा है. (फोटोः AFP)

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अफ्रीकन स्वाइन फीवर से असम के डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, माजुली, गोलाघाट और कामरूप में फैल चुका है. इसकी वजह से इन जिलों में पिछले कुछ दिनों में 13013 सुअरों की मौत हो चुकी है. (फोटोः AFP)

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माना जा रहा है कि घरेलू सुअरों के संपर्क में जंगली सुअर आए होंगे, जिनसे ये बीमारी फैल रही है. इसलिए काजीरंगा नेशनल पार्क के पास अगोराटोली रेंज में 6 फीट गहरी और 2 किलोमीटर लंबी नहर खोदी गई है. ताकि आसपास के गांवों में जंगली सुअर न सकें. (फोटोः AFP)

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असम के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने बताया कि इस बीमारी और वर्तमान स्थिति के बारे में केंद्र सरकार को सूचना दे दी गई है. फिलहाल सुअरों को मारने का कोई आदेश अभी तक असम सरकार की तरफ से जारी नहीं किया गया है. (फोटोः AFP)

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उधर, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि पुशपालकों को अगर उनके सुअरों में कोई बीमारी नजर आए तो तुरंत पशु चिकित्सा एवं वन विभाग को सूचित करें. पशु चिकित्सक और वन विभाग के लोग राष्ट्रीय सुअर अनुसंधान केंद्र के साथ मिलकर सुअरों को बचाने का उपाय निकालें. (फोटोः AFP)

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आपको बता दें कि सिंतबर 2019 में एएसएफ बीमारी की वजह से चीन में बड़ी संख्या में सुअरों की मौत हुई थी. माना जा रहा है कि अफ्रीकी स्वाइन फीवर चीन से तिब्बत में आया. फिर वहां से अरुणाचल प्रदेश और असम पहुंचा है. पिछले साल असम में आई बाढ़ में भी हजारों सुअरों की मौत हुई थी. (फोटोः AFP)

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यूनाइटेड नेशन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार अफ्रीकी स्वाइन फीवर के हालिया आउटब्रेक का असर चीन, मंगोलिया, वियतनाम, कंबोडिया, म्यांमार, फिलिपिन्स, रिपब्लिक ऑफ कोरिया और इंडोनेशिया में पड़ा है. (फोटोः AFP)

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चीन में इस फीवर का पहला आउटब्रेक अगस्त 2018 में हुआ था. इसके बाद से अब तक देश में तकरीबन 10 लाख सुअरों को मारा जा चुका है. वहीं, वियतनाम में इस बीमारी का आउटब्रेक फरवरी 2019 में हुआ था. तब से अब तक देश में 60 लाख सुअर मारे जा चुके हैं.(फोटोः AFP)

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अफ्रीकी स्वाइन फीवर वायरल बीमारी है. इस बीमारी में तेज बुखार से दिमाग की नसें फटने से सुअरों की मौत हो जाती है. इसमें मृत्यु दर 100 प्रतिशत मानी जाती है. ये रोग एक से दूसरे सुअर के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आने से फैलता है. (फोटोः AFP)

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नया अफ्रीकी स्वाइन फीवर पुराने स्वाइन फीवर से भिन्न है. लेकिन लक्षण एक जैसे हैं. इसलिए पुराने स्वाइन फीवर के लिए तैयार वैक्सीन का इसपर असर नहीं हो रहा है. अभी तक नए फीवर की वैक्सीन नहीं बनाई गई है. (फोटोः AFP)

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