मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी दिल्ली के बुराड़ी जैसा मामला सामने आया है जहां एक ही परिवार के दो सगे भाइयों ने बारी-बारी से मौत को गले लगा लिया. बड़े भाई की मौत के बाद छोटे भाई ने भी वहीं जाकर खुदकुशी कर ली जहां बड़े भाई ने अपनी जान दी थी. अब दोनों भाइयों की खुदकुशी मामले में कुंडली कनेक्शन सामने आया है.
सोमवार को सुसाइड करने वाले पीयूष चौहान के बड़े भाई प्रवीण चौहान ने मरने से पहले खुद अपनी कुंडली बनाई थी जिसमें हर परिस्थिति में आत्महत्या का योग बताया था. कुंडली में ग्रहों की खराब दशाओं का जिक्र करते हुए पीयूष के भाई प्रवीण ने लिखा था, जातक कितना भी प्रयास कर ले हर स्थिति में आत्महत्या का योग बना हुआ है. अब क्या बचा है 'नथिंग', अध्याय समाप्त, उन्होंने कुंडली के अंतिम में लिखा था- जय महाकाल.
इसके बाद प्रवीण चौहान ने शिप्रा नदी पर बने पुल से नीचे छलांग लगाकर अपनी जान दे दी थी. मरने से पहले अपने सुसाइड नोट में प्रवीण ने कर्ज और बीमारी का भी जिक्र किया था. उसने परिवार से श्राद्धकर्म नहीं करने का आग्रह किया था. ये कर्ज एक जमीन खरीद को लेकर होने की बात की गई थी.
बड़े भाई की मौत के ठीक तीन दिन बाद जब घर में मातम पसरा हुआ था उसी वक्त प्रवीण चौहान के छोटे भाई पीयूष चौहान ने भी नृसिंह घाट ब्रिज से उसी जगह छलांग लगा दी जहां से बड़े भाई ने लगाई थी. करीब एक घंटे के बाद शव को गोताखोरों की मदद से बाहर निकाला गया.
शव देखकर प्रवीण की पत्नी फफक कर रोने लगी और पति के मुंह में सांसें भरकर फिर से उसे उठाने की कोशिश करने लगी. पीयूष अपने बड़े भाई प्रवीण की तस्वीर पर फूल चढ़ाने के लिए माला लाने के बहाने घर से बाहर गया था. पुलिस अब आत्महत्या, कर्ज और सूदखोरी के एंगल से भी इस मामले की जांच कर रही है क्योंकि सुसाइड नोट में भारी भरकम कर्ज और उसे चुकाने के बाद भी ब्याज लेने की बात की गई है.
इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कल ही एफआईआर हो गई थी, आज दो लोग गिरफ्तार हो गए हैं. ये मध्यप्रदेश है, यहां कानून का राज है, ना तालिबानी संस्कृति चलेगी ना पठानी ब्याज चलेगा यहां कानून का राज चलेगा.