अमेरिका के शिकागो में रहने वाली जूली ने अपने ही नाती को सरोगेसी तकनीक के सहारे जन्म दिया है. दरअसल जूली की बेटी ब्रिएना को गर्भधारण करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में मॉर्डन तकनीक की मदद से 51 साल की फिट जूली ने अपने ही नाती को जन्म देने में कामयाबी हासिल की है.
29 साल की ब्रिएना लॉकवुड ने मां बनने की काफी कोशिशें कीं. चार साल के अंतराल में वे दो बार प्रेग्नेंट भी हुईं हालांकि दोनों बार वे अपने बच्चों को नहीं बचा पाईं. इसके बाद उन्हें सर्जरी करानी पड़ी और उनकी हेल्थ कंडीशन ऐसी हो गई कि उनके लिए गर्भधारण करना काफी मुश्किल प्रक्रिया बन गई.
इन चार सालों में ब्रिएना ने आईवीएफ तकनीक का भी सहारा लिया लेकिन इसके बावजूद उन्हें किसी तरह का फायदा नहीं हुआ. ब्रिएना काफी निराश हो गई थीं और उन्हें लगने लगा था कि वे कभी अपनी फैमिली शुरू नहीं कर पाएंगी. हालांकि ब्रिएना के डॉक्टर ने उन्हें सरोगेसी की सलाह दी जिसके बाद ब्रिएना की मां ने ही सरोगेट बनने का सुझाव ब्रिएना को दिया
ब्रिएना अपने और अपने परिवार से जुड़े अपडेट्स आईवीएफ सरोगेसी डायरी नाम के इंस्टाग्राम पेज पर देती हैं. इस पेज पर लगभग डेढ़ लाख फॉलोअर्स हैं. ब्रिएना अक्सर अपनी प्रेग्नेंट मां के साथ इस प्लेटफॉर्म पर तस्वीर शेयर करती हैं. ब्रिएना ने इस महीने के शुरुआत में बताया था कि उनका बेटा पैदा हो चुका है और वे बेहद खुश महसूस कर रही हैं.
ब्रिएना ने बताया कि उनकी मां एक रॉकस्टार है और उन्होंने जिस तरीके से उनकी मदद की है, वे अपने आपको बेहद लकी महसूस कर रही हैं कि उन्हें ऐसी मां मिली. वहीं जूली का कहना है कि वे इस दौर में भी काफी कंफर्टेबल थीं और वे खुद अपनी बेटी की मदद करना चाहती थीं. उन्होंने ये भी कहा कि लगभग तीन दशक पहले प्रेग्नेंट रह चुकी हैं और उनकी प्रेग्नेंसी काफी कंफर्टेबल तरीके से निपट गई थी इसलिए उन्हें सरोगेसी के सहारे प्रेग्नेंट होने में दिक्कत नहीं महसूस हुई.
बता दें कि सरोगेसी एक ऐसा एग्रीमेंट है जो एक निसंतान कपल और एक स्वस्थ महिला के बीच होता है. सरोगेसी का मतलब है कि बच्चे के जन्म तक एक महिला की किराए की कोख. जो महिला किसी और दंपती के बच्चे को अपनी कोख से जन्म देने को तैयार हो जाती है उसे ही सरोगेट मदर के नाम से जाना जाता है. आमतौर पर सरोगेसी तकनीक का उपयोग उन दंपतियों के लिए किया जाता है जो लोग खुद की संतान चाहते है लेकिन बार-बार गर्भपात होने या आईवीएफ के फेल होने की वजह से संतान सुख से वंचित हैं.