'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय' ये कहावत आपने कई बार सुनी होगी लेकिन यह सच भी है. यही वजह है कि एक शख्स ने 20 सेंटीमीटर लंबा चाकू निगल लिया और फिर भी उसकी जान बच गई. (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं)
दरअसल, दिल्ली के एम्स अस्पताल में डॉक्टरों ने दुर्लभ और बेहद चुनौतीपूर्ण तीन घंटे की सर्जरी के बाद एक आदमी के लीवर से 20 सेमी लंबा रसोई का चाकू सफलतापूर्वक निकाल दिया. उस व्यक्ति ने एक मानसिक बीमारी के बाद उसे निगल लिया था.
डॉक्टरों को उस व्यक्ति के ऑपरेशन के दौरान बेहद हैरानी हुई क्योंकि इतने लंबे और धारदार चाकू ने शरीर के भीतर फेफड़े, हृदय और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था.
एम्स में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट के प्रोफेसर डॉ निहार रंजन दास ने मामले को लेकर कहा, "चाकू आसानी से घोंटने वाली नली में छेद कर सकता था या फिर श्वासनली, हृदय को फाड़ सकता था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा हमने बहुत खोज की लेकिन पहले ऐसे किसी केस की कोई जानकारी हमें नहीं मिली.
जिस व्यक्ति को डॉक्टरों ने बचाया वो हरियाणा के पलवल का एक दिहाड़ी मजदूर है जो किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित था. उसे भांग पीने की आदत थी. उस शख्स ने डॉक्टरों को बताया कि डेढ़ महीने पहले कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान जब "वह अपने किचन में था, तो उसे चाकू खाने का मन हुआ. उसने उसे चबाने की कोशिश की और आखिरकार उसे पानी के साथ निगल गया.
डॉक्टरों को उस पीड़ित मजदूर ने बताया कि चाकू निगलने के बाद उसे एक महीने तक कोई समस्या नहीं हुई लेकिन बाद में खाने में दिक्कत होने लगी. जिसके बाद उसका वजन घटने लगा, बुखार, पेट में दर्द जैसे समस्या शुरू हो गई और जल्द ही दर्द असहनीय हो गया.
बहुत ज्यादा दर्द के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया. अल्ट्रासाउंड और पेट के एक्स-रे में लिवर में फंसी एक रसोई चाकू का ब्लेड दिखाई दिया. शरीर के अंदर संवेदनशील अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका और चुनौतियों को देखते हुए, डॉक्टरों ने मरीज को एम्स में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट विभाग में रेफर कर दिया जहां डॉक्टरों ने सफलता पूर्वक ऑपरेशन कर उसे दर्द से मुक्ति दिला दी.