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कौन देगा अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की सूचना! टूट गया दुनिया का सबसे बड़ा एंटीना

aajtak.in
  • 16 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST
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दुनिया भर के वैज्ञानिक परेशान हैं कि अब धरती की तरफ अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की जानकारी कौन देगा? ऐसे खतरों की जानकारी देने वाला दुनिया का सबसे बड़ा एंटीना टूट गया है. यह एंटीना जिन लोहे के केबलों से जुड़ा है वो भी टूट रहे हैं. अब इस एंटीना की रिपेयरिंग की जाएगी. इस एंटीना के ऊपर जेम्स बॉन्ड सीरीज की मूवी गोल्डन आई की शूटिंग भी हुई थी. आइए जानते हैं इस ताकतवर एंटीना के बारे में...

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यह एंटीना अंतरिक्ष की गहराइयों से आने वाले खतरों जैसे एस्टेरॉयड्स, मेटियॉर्स आदि की जानकारी दुनिया भर के वैज्ञानिकों को देता है. यह एंटीना लगा है आर्सीबो ऑब्जरवेटरी (Arecibo Observatory) में. ये प्यूर्टो रिको में स्थित है. इसका संचालन एना जी मेंडेज यूनिवर्सिटी, नेशनल साइंस फाउंडेशन और यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा मिलकर करते हैं. 

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इस ऑब्जरवेटरी में एक 1007 फीट तीन इंच व्यास का बड़ा गोलाकार एंटीना है. जो सुदूर अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों को पकड़ता है. इसका मुख्य काम धरती की तरफ आ रही खगोलीय वस्तुओं के बारे में जानकारी देना है. 1007 फीट व्यास वाले एंटीना में 40 हजार एल्यूमिनियम के पैनल्स लगे हैं जो सिग्नल रिसीव करने में मदद करते हैं. इस एंटीना को आर्सीबो राडार कहते हैं. आर्सीबो ऑब्जरवेटरी को बनाने का आइडिया कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम ई गॉर्डन को आया था. 

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इस ऑब्जरवेटरी को बनने में तीन साल लगे. इसका निर्माण कार्य 1960 में शुरू हुआ था. जो 1963 में पूरा हुआ. इस एंटीना के बीचो-बीच एक रिफलेक्टर है जो ब्रिज के जरिए लटका हुआ है. यहां ऐसे दो रिफलेक्टर्स हैं. पहला 365 फीट की ऊंचाई पर और दूसरा 265 फीट की ऊंचाई पर. सभी रिफलेक्टर्स को तीन ऊंचे और मजबूत कॉन्क्रीट से बने टावर से बांधा गया है. बांधने के लिए 3.25 इंच मोटे स्टील के तारों का उपयोग किया गया है. ऑर्सीबो राडार यानी एंटीना कुल 20 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. इसकी गहराई 167 फीट है. 

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आपको बता दें कि इस ऑब्जरवेटरी में जेम्स बॉन्ड सीरीज की मशहूर फिल्म गोल्डन आई का क्लाइमैक्स सीन फिल्माया गया था. इस फिल्म में पियर्स ब्रॉसनन जेम्स बॉन्ड का किरदार निभा रहे थे. इसके अलावा इस ऑब्जरवेटरी में कई फिल्में, वेबसीरीज और डॉक्यूमेंट्रीज बन चुकी हैं. इसके अलावा जोडी फॉस्टर की फिल्म कॉन्टैक्ट की शूटिंग भी यहीं हुई थी. इस ऑब्जरवेटरी के जो केबल टूटे हैं उन पर 5.44 लाख किलोग्राम वजन था. 

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इनमें से कुछ केबल टूट गए. जो केबल टूटे हैं उनपर 2.83 लाख किलोग्राम का वजन था. इसकी वजह से एंटीना के 100 फीट के हिस्से में छेद हो गया है. एल्यूमिनियम से बने एंटीना का बड़ा हिस्सा टूटकर जमीन पर गिर चुका है. आपको बता दें कि इस एंटीना की मदद से दुनिया भर के करीब 250 साइंटिस्ट अंतरिक्ष पर नजर रखते हैं. 

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सिर्फ इतना ही नहीं यह जगह पर्यटकों के बीच भी काफी प्रसिद्ध है. यहां पर हर साल करीब एक लाख पर्यटक आते हैं. ताकि वो इस एंटीना को देख सकें और यहां पर किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें. 

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इस एंटीना को जब बनाया गया था तब इसका मकसद रक्षा प्रणाली को मजबूत करना था. इसके जरिए प्यूर्टो रिको एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना चाहता था. बाद में इसका उपयोग वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाने लगा. इस एंटीना ने सिर्फ अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की ही जानकारी नहीं दी है. बल्कि आसपास के देशों को कई प्राकृतिक आपदाओं की सूचनाएं भी मुहैया कराई हैं.

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इस एंटीना ने पिछले 50 सालों में कई चक्रवातों, भूकंपों और हरिकेन्स की जानकारियां भी दी हैं. अब साइंटिस्ट हैरान है कि करीब 900 टन का यह ढांचा कुछ ही केबल्स पर टिका है. इसे तत्काल रिपेयरिंग की जरूरत है. अगर जल्द ही इसकी मरम्मत नहीं की गई तो पूरा का पूरा ढांचा गिर सकता है. अगर यह ढांचा गिर गया तो इसे वापस बनाने में काफी समय लग जाएगा. 

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साइंटिस्ट ने टूट-फूट का आकलन किया तो पता चला कि करीब 89.46 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. अगले महीने तक नए केबल आने की उम्मीद है. ऑब्जरवेटरी के प्रमुख ने नेशनल साइंस फाउंडेशन से मरम्मत के लिए नुकसान हुए रकम की मांग की है. ऑब्जरवेटरी के साइंटिस्ट्स और कर्मचारियों को एंटीना के नीचे और ढांचे के आसपास जाने से मना कर दिया गया है. 

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