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26 दिनों से जारी है बाढ़ का कहर, सड़क का पुल बना पीड़ितों का बसेरा

आलोक कुमार जायसवाल
  • 21 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 6:14 PM IST
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बिहार में सारण जिले के तरैया प्रखण्ड में 26 दिनों से बाढ़ का कहर जारी है. सानी खराटी गांव के लोगों के लिए चारों ओर से पानी से घिरे हुए ग्रामीण सड़क का पुल ही आजकल बाढ़ पीड़ितों का बसेरा बना हुआ है. कई बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि खाने-पीने का सामान, कपड़े सबकुछ बह गया और सरकार से भी हमें कुछ मदद नहीं मिल रही है.

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पानी घटने के सरकारी दावों के विपरीत बाढ़ पीढ़ितों की तस्वीरें सरकार की पोल खोलने के लिए काफी हैं. बांध पर झुग्गी-झोपड़ी डालकर बाढ़ पीड़ित न सिर्फ अपना गुजर-बसर कर रहे हैं, बल्कि  अपने मवेशियों के लिए भी बांध पर ठिकाना बनाया है. बाढ़ के पानी से ही नहाना, खाना बनाना सबकुछ हो रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार से कोई मदद नहीं मिली है. इस बाढ़ ने उनका सबकुछ बर्बाद कर दिया. यही नहीं इस पानी में जहरीले सांपों का भी खतरा बना हुआ है.

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जानकारी के मुताबिक, बाढ़ पीड़ितों के झोपड़ीनुमा मकान बाढ़ के पानी के तेज प्रवाह में बह गए हैं. अब सानी खराटी, सिमरी गांव में ग्रामीण सड़क पर बने ऊंचे पुल पर सभी लोगों ने प्लास्टिक का टेंट गिराकर बुनियादी सुविधाओं के अभाव में शरण ली है. यहां शौचालय, पेयजल और बिजली का अभाव है. सानी खराटी गांव के रहने वाले बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि झोपड़ीनुमा मकान पानी में बह गया. कोई साधन नहीं होने के कारण सड़क पर ही चौकी और मचान बनाकर गुजर बसर कर रहे हैं.

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प्रखण्ड के कई गांव आज भी बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. पिपरा, बगही, लौवा, सानी खराटी, चैनपुर दलित टोला, पोखड़ेरा, चकिया, सिरमी, शीतलपटी, अंधरबाड़ी, डुमरी, माधोपुर छोटा, माधोपुर बड़ा, शीतलपुर, मुकुन्दपुर, उसरी, नवरत्नपुर, राजधानी, चंचलिया, भलुआ, संग्रामपुर, रसीदपुर, पचरौर, टिकमपुर, आकुचक, भटगाई, परौना, नारायणपुर आदि गांव के ग्रामीणों को कई परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. गांव की सड़कें पानी से भरी हुई हैं, जिससे 26 दिनों आवागमन ठप है. इन सब के बीच सरकार के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से कोई मदद इन लोगों को नहीं मिल पाई है.

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दूसरी ओर सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि अब बाढ़ का पानी घट रहा है. सारण में 9 प्रखंड, 104 पंचायत, 468 गांव, 721495 की आबादी बाढ़ से प्रभावित है, 55 हजार बाढ़ पीड़ितों के परिवार में लगभग 33 करोड़ की राशि सीधे उनके खाते में भेज दी गई है, बाकी पीड़ितों को भी जल्द ही यह राशि भेज दी जाएगी. साथ ही 24 कम्युनिटी किचन चल रहे हैं.

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