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जलीकट्टू के लिए ऐसे सज-धज के तैयार हुए सांड, सींगों में पहनाई गई फूलों की माला, माथे पर टीका

aajtak.in
  • 14 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST
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तमिलनाडु के मदुरै में हो रहे जलीकट्टू त्‍योहार में गुरुवार को सांडों का खेल चल रहा है. इसमें स्‍थानीय युवक सांडों को वश में करने की कोशिश करते हैं. इस खेल के लिए गुरुवार सुबह से ही सांडों को सजाया गया.

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पि‍छले साल मदुरै में जलीकट्टू त्योहार में 700 सांडों ने हिस्सा लिया था. जल्लीकट्टू तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्योहार पर आयोजित किया जाता है. इस दौरान स्थानीय युवक सांडों को वश में करने की कोशिश करते हैं.

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जलीकट्टू मट्टू, पोंगल का हिस्सा है, जिसे पोंगल के तीसरे दिन खेला जाता है. तमिल में मट्टू का मतलब बैल या सांड से है. पोंगल के तीसरे दिन मवेशियों की पूजा होती है. इसी विधान के तहत जलीकट्टू में सांडों का खेल आयोजित किया जाता है.

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तमिलनाडु में जलीकट्टू 2500 साल पहले से मनाया जाता है. इस खेल में सांडों के सींगों में सिक्के या नोट फंसाकर रखे जाते हैं. फिर उन्हें भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है. फिर खेलने वाले लोग उन सांडों को काबू में करते हैं. 

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सांडों को भड़काने के लिए उन्हें शराब पिलाने से लेकर उनकी आंखों में मिर्च भी डाली जाती है. इतना ही नहीं उनकी पूंछ को मरोड़ा जाता है, ताकि वो तेज भाग सकें. 

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