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अपने सैनिकों का अंतिम संस्कार नहीं कर रहा चीन, लोगों को दी धमकी

aajtak.in
  • 14 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST
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चीन की सरकार गलवान घाटी में मारे गए अपने सैनिकों के अंतिम संस्कार करने से मना कर रही है. इतना ही नहीं चीन की सरकार ने गलवान घाटी में मारे गए चीनी जवानों के परिवारों को कहा कि वे इनका अंतिम संस्कार न करें न ही कोई निजी समारोह आयोजित करें. चीन की सरकार ऐसा करके गलवान घाटी में हुई घटना को छिपाना चाहती है. (फोटोः गेटी)

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चीन में मौजूद अमेरिकी खुफिया सूत्रों ने यह जानकारी दी है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक चीन की सिविल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों के परिवारों को कहा है कि वो अंतिम संस्कार के पारंपरिक तरीके भूल जाएं. (फोटोः गेटी)

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मंत्रालय ने आगे कहा कि अगर अंतिम संस्कार करना है तो किसी सुनसान इलाके में जाकर करें. अंतिम संस्कार पूरा करने के बाद किसी तरह का समारोह आयोजित न करें. हालांकि, सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने का डर दिखाकर अंतिम संस्कार करने से मना किया है. (फोटोः गेटी)

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बीजिंग में मौजूद सरकार चाहती है कि चीन के लोगों को गलवान घाटी की घटना और उसमें मारे गए चीनी सैनिकों के बारे में कम से कम लोगों को पता चले क्योंकि इससे चीन की करतूत की जानकारी पूरे देश में फैल जाएगी. (फोटोः गेटी)

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चीन को डर है कि अगर यह गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों की सूचना चीन के या अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया में फैली तो पूरे देश में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की थू-थू हो जाएगी. इसलिए वो अपने जवानों के अंतिम संस्कार को भी छिपाकर रखना चाहते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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हालांकि, चीन के लोगों के बीच गलवान घाटी की खबर तेजी से फैल चुकी है. द गार्जियन ने जून के अंत में एक रिपोर्ट लिखी थी जिसमें बताया था कि भारतीय जवानों की शहादत और उनके अंतिम संस्कार के वीडियो चीन के लोगों के पास सोशल मीडिया से पहुंच रहे हैं. (फोटोः गेटी)

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चीन के लोग भारतीय जवानों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार देखकर आपसे में ये बातें कर रहे हैं कि चीन के सैनिकों का क्या हुआ. चीन के मारे गए सैनिकों को इस तरह का सम्मान क्यों नहीं दिया गया. इस पर चीन की सरकार का जवाब ये है कि महामारी के समय में सरकार ने अंतिम संस्कार के पारंपरिक तरीकों को रोक रखा है. (फोटोः गेटी)

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जब अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी स्थिति चीन के दूतावास से इस बारे में पूछा गया तो वहां से तत्काल कोई जवाब नहीं मिला. गौरतलब है कि चीन इससे पहले भी अपनी हरकतों को छिपाने के लिए ऐसे कदम उठा चुका है. (फोटोः गेटी)

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2001 में चीन का फाइटर जेट और अमेरिकी जासूसी विमान दक्षिणी हैनान द्वीप पर टकरा गए थे. लेकिन चीन ने इस पूरे मामले को बखूबी छिपा दिया. इसके पहले 1999 में बेलग्रेड में चीनी दूतावास पर जब अमेरिका ने बम गिराए थे. तब भी चीन की सरकार ने अपने देश के लोगों को इस बात की भनक तक नहीं लगने दी थी. (फोटोः गेटी)

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दुनिया भर के एक्सपर्ट मानते हैं कि चीन की यह चुप्पी और शांति से अंतिम संस्कार करने को कहना ये बताता है कि जल्द ही चीन अंतिम संस्कार के नए कानून ला देगा. बीजिंग में बैठी सरकार नहीं चाहती कि चीन के लोगों को गलवान घाटी में उसकी हरकतों का पता चले. (फोटोः रॉयटर्स)

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