दक्षिण अमेरिकी देश चिली के स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर इस्तीफा दे दिया है. चिली में अब तक कोरोना वायरस के 1.67 लाख मामले सामने आ चुके हैं, वहीं 3101 लोगों की मौत हो चुकी है.
चिली की सरकार पर ये आरोप लग रहा था कि वह मौत के आंकड़ों को कम करके दिखा रही है. विरोध के
बाद सरकार ने आंकड़े दर्ज करने के नियम बदले भी, लेकिन लोगों का
गुस्सा शांत नहीं हुआ था. (फोटो में इस्तीफा देने वाले चिली के स्वास्थ्य मंत्री जेमी मनालिच)
वहीं, मौत के आंकड़े बढ़ने की वजह से भी चिली की सरकार पर दबाव बढ़ रहा था. इसी के बाद शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री जेमी मनालिच ने इस्तीफा दे दिया. हालांकि, चिली के राष्ट्रपति सेबैस्टियन पिनेरा ने कहा कि जेमी ने चिली के लोगों को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं छोड़ा था. अब अकेडमिक्स से ताल्लुक रखने वाले डॉक्टर एनरिक पेरिस को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है. (फोटो में चिली के राष्ट्रपति सेबैस्टियन पिनेरा)
चिली की आबादी सिर्फ एक करोड़ 90 लाख है. इसकी वजह से कोरोना के 1.67 लाख मामले होने को खतरनाक समझा जा रहा है. 10 लाख की आबादी पर कोरोना के मामले का औसत देखें तो यह देश लैटिन अमेरिका में सबसे ऊपर पहुंच जाता है. (फोटो में इस्तीफा देने वाले चिली के स्वास्थ्य मंत्री जेमी मनालिच)
चिली के रेन्का के मेयर क्लौडियो कास्त्रो ने कहा था कि सरकार व्यापक आंकड़े जारी करे. इससे पहले सामने आया था कि उनकी म्यूनिसिपिलिटी में स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, 22 लोगों की मौत हो गई और 11 परिजनों के टेस्ट का इंतजार था. लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सिर्फ 9 मौतों की बात कह रहा था.
विरोधी दलों के नेता, मेयर, मेडिकल एक्सपर्ट्स और सामाजिक समूह जेमी का विरोध करने लगे थे, क्योंकि चिली की सरकार कोरोना से जुड़े व्यापक आंकड़े जारी नहीं कर रही थी. चिली की सरकार ने समय रहते लॉकडाउन भी लागू नहीं किया था.
दूसरी ओर, लॉकडाउन और महामारी की वजह से चिली में लोगों को खाने की समस्या भी होने लगी. इसके बाद लोग सड़कों पर उतकर सरकार विरोधी प्रदर्शन करने लगे. समझा जा रहा है कि लोगों का गुस्सा शांत करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देने को कहा गया.