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लॉकडाउनः पति के साथ भूखे पेट 100 KM पैदल चली 8 माह की गर्भवती

aajtak.in
  • 30 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST
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कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. जिसकी वजह से गरीब और मजदूर वर्ग को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हजारों की संख्या में मजदूर शहर से अपने गांव रवाना हो गए. वहीं ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश से सामने आया है जहां आठ महीने की गर्भवती महिला ने अपने पति के साथ पैदल ही बुलंदशहर जाने का फैसला किया.  (Photo-Reuters)


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बताया जा रहा है दो दिन तक बिना कुछ खाए 100 किलोमीटर पैदल चल कर पति-पत्नी मेरठ पहुंचे. जहां कुछ लोगों की नजर उन लोगों पर पड़ी. तब मेरठ के कुछ लोगों ने उन लोगों को पैसे दिए साथ ही उनके लिए एम्बुलेंस का भी इंतजाम किया ताकि वे बुलंदशहर तक का सफर आराम से तय कर सकें. (Photo-ani)

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पति वकील औऱ पत्नी यासमीन ने बताया कि जब लॉकडाउन लगाया गया तब फैक्ट्री के मालिक ने उनसे अपना घर खाली करने के लिए कहा और घर जाने के लिए पैसे भी नहीं दिए. जिसकी वजह से उन्हें मजबूरी में उन्हें अपना घर छोड़कर गांव जा रहे हैं. अभी तक वे सहारनपुर से 100 किलोमीटर पैदल चलकर आएं हैं.(Photo-Reuters)

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स्थानीय निवासी नवीन कुमार और रवींद्र ने शनिवार को मेरठ के सोहराब गेट बस अड्डे पर इस थके हारे दंपति को देखा. उन्होंने  उन लोगों से बातचीत की और पूरी समस्या जानने के बाद नौचंदी पुलिस स्टेशन में एक सब इंस्पेक्टर प्रेमपाल सिंह को सूचित किया. (Photo-ani)

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नौचंदी पुलिस स्टेशन के प्रभारी आशुतोष कुमार ने बताया कि नवीन कुमार, रवींद्र और स्थानीय निवासियों ने उन लोगों को खाना दिया साथ ही पैसे भी दिए. उन लोगों ने एम्बुलेंस की भी व्यवस्था कि जो उन पति पत्नी को बुलंदशहर के सिवाना में छोड़ेगी.  (Photo-Reuters)

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उन्होंने आगे बताया कि पति वकील एक कारखाने में कार्यरत था और उसने दो दिनों में अपनी पत्नी के साथ 100 किमी की दूरी तय की. वहीं पत्नी यासमीन ने पुलिस को बताया,  'वे एक कमरे में रहते थे जिसे कारखाने के मालिक ने हमें दिया था. लेकिन उसने हमें लॉकडाउन की घोषणा के बाद कमरे को खाली करने के लिए कहा और हमारे गांव जाने के लिए पैसे देने से भी इनकार कर दिया.' (Photo-Reuters)

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कोई विकल्प नहीं होने के बाद, दंपति गुरुवार को सहारनपुर से अपने गांव पहुंचने के लिए चलने लगे. यासमीन ने बताया कि राजमार्ग के किनारे रेस्तरां, डाबे बंद होने के कारण पिछले दो दिनों से उनके पास भोजन नहीं था. (Photo-Reuters)

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कोरोना वायरस की महामारी को रोकने के लिए मंगलवार को घोषित तीन सप्ताह के लॉकडाउन ने लाखों प्रवासी मजदूरों को बेरोजगार कर दिया है और उन्हें भूख और पैसों की कमी से बचाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांवों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. (Photo-Reuters)

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