अमेरिका की एक बड़ी दवा कंपनी के सीईओ ने कहा है कि जो लोग इस साल के अंत से पहले कोरोना वैक्सीन मिलने की बात कह रहे हैं, वे जनता का बहुत बड़ा नुकसान कर रहे हैं. Harvard Business Review में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, Merck & Co's के सीईओ केनेथ फ्रेजियर ने कहा कि जिन कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है उनके सफल होने की गारंटी नहीं है.
केनेथ फ्रेजियर ने कहा कि जिन वैक्सीन पर काम चल रहा है, हो सकता है कि तैयार होने पर उनकी क्वालिटी पर्याप्त न हो. उन्होंने कहा कि अगर आप अरबों लोगों को वैक्सीन देने जा रहे हैं तो आपको ये जानना चाहिए वैक्सीन कैसे काम करती है.
इससे पहले एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि सरकार इस साल के अंत तक वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए विभिन्न कंपनियों के साथ पार्टनरशिप कर रही है. ट्रंप सरकार 2021 के अंत तक 30 करोड़ वैक्सीन की खुराक के उत्पादन पर विचार कर रही है. इसे ऑपरेशन वार्प स्पीड प्रोग्राम नाम दिया गया है.
Merck के सीईओ केनेथ फ्रेजियर ने कहा कि कई पिछली वैक्सीन न सिर्फ सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम रही थीं, बल्कि वायरस को सेल पर हमला करने में मदद भी करती थीं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ये वैक्सीन इम्यून करने के गुणों से पूरी तरह लैस नहीं थीं. इसलिए हमें सावधान रहने की जरूरत है.
Merck कंपनी ने मई में ऑस्ट्रिया की कंपनी Themis Bioscience के साथ मिलकर संभावित वैक्सीन कैंडिडेट पर स्टडी की योजना बनाई थी. लेकिन कंपनी अब तक वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू नहीं कर सकी है.
केनेथ फ्रेजियर ने कोरोना महामारी को लेकर कहा कि अश्वेत लोगों में अधिक मृत्यु दर ने नस्लवाद की लंबे वक्त से चली आ रही समस्या को एक बार फिर सामने ला दिया है.
बता दें कि अब तक दुनिया में कोरोना के मामलों की संख्या 1.34 करोड़ से अधिक हो गई है. जबकि 5.81 लाख लोगों की मौत हो चुकी है.