कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन जारी है. वहीं इसी लॉकडाउन की वजह से आम लोगों की जान भी जा रही है. मध्य प्रदेश के उमरिया से एक ऐसी ही दर्दनाक खबर सामने आई है. जहां ई पास होने के बावजूद बीमार बुजुर्ग को छत्तीसगढ़ का बॉर्डर क्रॉस नहीं करने दिया. मौके पर ही बुजुर्ग की हॉर्ट अटैक से मौत हो गई.
(Photo Aajtak)
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के 78 साल के केशव मिश्र हार्ट मरीज थे. बीमारी के इलाज के लिए उनके भाई ने 'ई पास' बनवाया था और परिवार के सदस्य उन्हें लेकर बिलासपुर स्थित अपोलो अस्पताल ले जा रहे थे. लेकिन अनूपपुर जिले की सीमा पर छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर मौजूद छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने उन्हें आगे नहीं जाने नहीं दिया.
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78 साल के बुजुर्ग ने भी हाथ जोड़कर सीमा पर मौजूद अधिकारियों से बॉर्डर पार जाने के लिए मिन्नतें मांगी. लेकिन उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया. फिर वहीं पर आये हार्ट अटैक ने केशव मिश्र की जान ले ली. कार में हुई मौत के दर्द के साथ परिवार वापस लौट आया. लेकिन बॉर्डर पर हुई मौत ने दो प्रदेशों की सीमा पर तैनात अधिकारियों की मानवीयता को नजरअंदाज करने का एक और मामला सामने ला दिया.
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परिवार का आरोप है कि छत्तीसगढ़ पुलिस की संवेदनहीनता के चलते घंटो वाहन को रोके रखा और जानबूझकर समय खराब किया गया. जबकि परिवार के सदस्य सीमा पर तैनात अधिकारियों से हाथ जोड़कर निवेदन करते रहे और 'ई पास' दिखाते रहे. लेकिन उनकी एक न सुनी गई. जिसके चलते बुजुर्ग की मौत हो गई.
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मृतक का परिवार छत्तीसगढ़ सरकार से न्याय मांग रहा है. ऐसा बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद मौके पर पंहुचे मनेंद्रगढ़ एसडीएम आरपी चौहान ने सीमा पर तैनात अधिकारियों का पक्ष लेते हुए उन्हें मौके से रवाना कर दिया और बाद में बबाल मचता देख आनन- फानन में एंबुलेंस से मृतक रिटायर्ड शिक्षक केशव प्रसाद मिश्रा के शव को घर भेज दिया.
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