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इतनी गर्मी कि थर्मामीटर टूट जाए, डेथ वैली में पारा 54 डिग्री के पार

aajtak.in
  • 18 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 1:28 PM IST
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कैलिफोर्निया की डेथ वैली यानी मौत की घाटी में भयानक गर्मी पड़ रही है. अमेरिकी मौसम विभाग के अनुसार तापमान तीन अंकों में चला गया है. रविवार को यहां पारा 130 डिग्री फैरेनहाइट पहुंच गया यानी 54.4444 डिग्री सेल्सियस. कहा जा रहा है कि धरती के इतिहास में संभवतः तीसरी बार पारा इतने ज्यादा अंक को छू रहा है. इतनी गर्मी 89 साल बाद रिकॉर्ड की गई है. (फोटोः गेटी)

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वर्ल्ड मेटेरियोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन (WMO) में एक्सट्रीम टेंपरेचर टीम के प्रमुख और एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रैंडी सरवेनी ने कहा कि हो सकता है यह अगस्त के महीने में धरती पर रिकॉर्ड किया गया अब तक का सबसे ज्यादा तापमान हो. इसकी जांच चल रही है. (फोटोः गेटी)

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इससे पहले 1913 में डेथ वैली में ही 56.67 डिग्री सेल्सियस और 1931 में ट्यूनीशिया में 55 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था. लेकिन दोनों तापमान जुलाई महीने के थे. अगस्त के महीने में इतना तापमान संभवतः पहली बार पहुंचा है. (फोटोः गेटी)

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रैंडी ने बताया कि रविवार को दर्ज किया गया तापमान (54.4 डिग्री सेल्सियस) पिछले कुछ सालों में इसी जगह पर दर्ज किए जा रहे 53.9 डिग्री सेल्सियस तापमान को पछाड़ चुका है. पिछले कुछ सालों में पारा तीन बार 53.9 डिग्री के अंक पहुंचा था. (फोटोः गेटी)

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प्रो. रैंडी कहते हैं कि 54.4 डिग्री सेल्सियस तापमान को कोई झूठा साबित नहीं कर सकता. लेकिन सोचने वाली बात ये है कि धरती बहुत तेजी से गर्म हो रही है. ये भविष्य के लिए एक भयावह खतरा है. (फोटोः गेटी)

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रैंडी ने बताया कि पश्चिम में उच्च दबाव का बड़ा क्षेत्र बना हुआ है. जबकि, दक्षिण-पश्चिम की तरफ मॉनसून जैसी हालत है. लेकिन आराम किसी भी क्षेत्र में नहीं है. तापमान नापने वाले फीनिक्स सिस्टम पर आम दिनों में भी पारा 90 डिग्री फैरेनाहइट से कम जाता ही नहीं है. (फोटोः गेटी)

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कैलिफोर्निया के चिलकूट में जंगल में आग लगी है. इसकी वजह से फायर टॉरनैडो बन गया. जिससे बहुत बड़े इलाके में जंगल जल रहे हैं. उसकी वजह से और तापमान बढ़ा हुआ है. (फोटोः गेटी)

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डेथ वैली में जिस जगह तापमान 54.4 डिग्री सेल्सियस मापा गया उस जगह का नाम है फरनेस क्रीक. यहीं पर 1913 में 10 जुलाई को 56.67 डिग्री सेल्सियस पारा पहुंचा था. जो धरती का अब तक सबसे ज्यादा दर्ज किया गया तापमान है. (फोटोः गेटी)

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अब प्रो. रैंडी की टीम इस तापमान की वजहों, भविष्य में इसकी वजह से पड़ने वाले दुष्प्रभावों का अध्ययन कर रही है. साथ ही ये भी जानने की कोशिश कर रही है कि इसका संबंध क्लाइमेट चेंज से कितना है. इसका संबंध ग्लोबल वार्मिंग से कितना है. (फोटोः गेटी)

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डेथ वैली में घूमने जाने वाले पर्यटकों को हिदायत दी जाती है कि पहले से चार लीटर पानी पीकर जाएं. इसके अलावा वहां घूमते समय भी इतना पानी पीते रहें. साथ ही अतिरिक्त पानी जरूर रखें. क्योंकि इस जगह पर गर्मी से कुछ ही देर में आदमी गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है. (फोटोः गेटी)

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