समाज में पनपे दहेज के दानव ने फिर एक जीवन को लील लिया. हरियाणा के रेवाड़ी में शादी से ठीक एक दिन पहले बेटी के पिता से 30 लाख रुपये दहेज की मांग के बाद लड़की के पिता ने शादी के कार्ड पर ही सुसाइड नोट लिखकर मौत को गले लगा लिया. यह मामला रेवाड़ी का है जहां ट्रांसपोर्ट का कारोबार करने वाले कैलाश तंवर ने अपनी बेटी का रिश्ता गुरुग्राम के रहने वाले सुनील कुमार के बेटे रवि से तय किया था. बेटी की शादी की बात से खुश पिता समारोह को शानदार बनाने में जुटे हुए थे. शादी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी.
शादी से ठीक एक दिन पहले वर पक्ष ने बेटी के पिता से 30 लाख रुपये दहेज में देने की मांग रख दी और कहा कि अगर वो पैसे नहीं दे सकते तो फिर लगन लेकर उनके घर ना आएं. इस बात से कैलाश तंवर बेहद दुखी और निराश हो गए. उन्होंने लड़के वालों को देने के लिए 13-15 लाख रुपये का भी इंतजाम कर लिया था लेकिन 30 लाख रुपये उनके लिए संभव नहीं था. वर पक्ष को मनाने के लिए लड़की के पिता अपने बहनोई के साथ उनके गांव पहुंचे और उन्हें मजबूरी भी बताई लेकिन वो नहीं माने. 19 नवंबर को अलवर के गांव बूढ़ी बावला में जब लड़के वाले नहीं माने तो कैलाश तंवर अपने बहनोई के दफ्तर में ही सो गए.
सुबह जब कैलाश चंद के बहनोई (जीजा) उनके लिए चाय लेकर दफ्तर लौटे तो उन्हें फंदे से लटका हुआ पाया. इतना ही नहीं कैलाश चंद ने आत्महत्या करने से पहले बेटी की शादी के कार्ड पर ही सुसाइड नोट लिखा और सरकार से दहेज के ऐसे लोभियों के परिवार पर कार्रवाई करने की मांग की.
मरने से पहले कैलाश चंद ने सुसाइड नोट में चार लोगों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने शादी के कार्ड पर ही अपने सुसाइ़ड नोट में लिखा कि मैंने शादी की सभी तैयारियां पूरी कर रखी हैं. अपनी हैसियत के हिसाब से 13 से 15 लाख रुपये भी लगाने को तैयार था लेकिन लड़के के पिता का साढू, पूर्व सरपंच मामचंद, विनय पाल और लड़की की रिश्तेदार मंजू देवी और पैसे देने के लिए परेशान कर रहे हैं.
आगे उन्होंने लिखा कि मैं उन्हें 30 लाख रुपये नहीं दे सकता और समाज में अपनी इज्जत बचाने के लिए उनके पास गया था लेकिन वो नहीं माने और रिश्ते के लिए मना कर दिया. अब मैं समाज में जिंदा नहीं रह सकता और मेरी मौत के जिम्मेदार यही लोग हैं.