मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक ऐसा गांव है, जहां सांप को लेकर एक मान्यता के चलते पूरा गांव कच्चे मकानों में रहता है. गांव के लोग कच्चे मकान में रहने के लिए सदियों से एक मान्यता के साथ जी रहे हैं और पक्के मकान नहीं बनाते हैं.
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दरअसल, लोगों का मानना है यहां पर पक्के मकान नहीं बनाए जाते क्योंकि ऐसा
करने पर सांप उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं जबकि कच्चे मकान में इस गांव में
अभी तक किसी को सांप ने नुकसान नहीं पहुंचाया है.
इस गांव का
नाम करैया राख है, यहां करीब 200 से ज्यादा परिवार कच्चे मकान में रहते
हैं. जबकि गांव के लोग सभी तरह से संपन्न हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होने
के साथ-साथ आधुनिक सुविधाएं गांव में उपलब्ध हैं. यहां लोग कृषि पर
निर्भर हैं और यहां पर सभी के पास ट्रैक्टर, कार और टू व्हीलर वाहन
हैं.
लोगों की मान्यता है कि 500 साल पहले इस गांव के राजा के पास
एक घोड़ा था जिसको चुराने के लिए कुछ चोर इस गांव में आए थे. चोर उस घोड़े
को चुरा पाते उससे पहले एक सांप ने भविष्यवाणी की.
सांप ने भविष्यवाणी में चोरों को इस गांव से
चले जाने को कहा. साथ ही भविष्यवाणी में कहा गया था कि कोई भी इस गांव
में पक्की ईंट नहीं लगाएगा. अगर कोई पक्की ईंट लगाता है तो उसे नाग देवता डस
लेंगे. इसके बाद चोर इस गांव से चले गए और उसके बाद इस भविष्यवाणी की
जानकारी पूरे गांव में आई.
बस इसी मान्यता के बाद लोग इस गांव में पक्के मकान नहीं बना रहे हैं. दिलचस्प ये भी है कि लोगों का कहना है कि इस गांव में खूब सांप रहते हैं इसके बावजूद भी लोगों को सांप नहीं काटते हैं.