मध्य प्रदेश के हरदा जिले में सोयाबीन की फसल करीब 1 लाख 78 हजार हैक्टेयर में बोई गई है, लेकिन अचानक कोई बीमारी का प्रकोप हुआ और फसल खराब हो गई. किसानों ने खराब फसल से खेत को साफ करने के लिये पशु छोड़ दिए हैं.
हरदा जिले में सोयाबीन फसल खराब होने के बाद किसानों ने खेतो को मवेशियों के हवाले कर दिया है. जिले के कई गांवों में खराब फसल के खेतो में किसानों ने मवेशी छोड़ दिए हैं.
राजस्थान से आए गड़रियों की हजारों भेड़ खेतो में खराब फसल को खा रही हैं. हर वर्ष राजस्थान से गड़रिये हजारों की संख्या में भेड़ चराने के लिए हरदा आते हैं. किसानों का कहना है कि फसल खराब हो चुकी है. ऐसे में खेतों को साफ कराने में अलग से रुपये खर्च करने पड़ेंगे, इसलिए मवेशियों को खेतो में छोड़ा गया है.
पीला सोना कही जाने वाली सोयाबीन फसल किसानो के लिए इस वर्ष घाटे का सौदा साबित हो रही है. पीला मोजेक, तना मक्खी और अतिवृष्टि से सोयाबीन की फसल खेतों में पीली होकर सूख गई है.
हरदा जिले में इस साल खरीफ सीजन में 1 लाख 78 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन बोई गई थी. अचानक फसल खराब होने से जिले के खेतो में लगभग 40 से 50 फीसदी का नुकसान हुआ है. किसान मुसीबत की इस घड़ी में सरकार की ओर देख रहा है.