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डेंटिस्ट को कोरोना से ज्यादा खतरा, WHO ने जारी की गाइडलाइन

aajtak.in
  • 17 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST
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कोरोना ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है और इस वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर भी अछूते नहीं है. कई डॉक्टरों की इस महामारी ने अब तक जान ले ली है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दांतों का इलाज करने वाल डॉक्टरों को खास तौर पर इससे सावधान रहने की सलाह दी है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बढ़ते संक्रमण के बीच डॉक्टरों को रुटीन जांच से बचने की अपील की है. WHO ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में दांतों के डॉक्टरों को भी खतरा है. इसके लिए एक गाइडलाइन भी जारी की गई है.

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जो गाइडलाइन डॉक्टरों को जारी की गई है उसमें कहा गया है कि उन्हें अभी मरीजों के रुटीन चेकअप से बचना चाहिए. जब तक कोरोना के मामले घट नहीं जाते तब तक ओरल ट्रीटमेंट करने से उन्हें दूरी बना लेनी चाहिए.

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इतना ही नहीं गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर किसी मरीज को इमरजेंसी है तो फोन या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही उसका इलाज करें और उन्हें सलाह दें.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हेल्थ एक्सपर्ट और डॉक्टर संक्रमण के हाई रिस्क जोन में हैं. ऐसे में दांतों से जुड़ी समस्या में इलाज के दौरान डॉक्टर मरीज के लार में मौजूद वायरस के जरिए संक्रमित हो सकते हैं. इस तरह हाई रिस्क वाले व्यक्ति से किसी न किसी तरीके से वायरस उनतक पहुंच सकता है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि डेंटल क्लीनिक में डॉक्टर एयरोसोल जनरेटिंग प्रोजिसर अपनाते हैं जिससे संक्रमित होने का खतरा और बढ़ सकता है. इसके पीछे खांसने, छींकने के दौरान सीधे तौर पर पड़ने वाले ड्रॉप लेट्स को जिम्मेदार बताया गया है.

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गाइडलाइन के मुताबिक मुंह में संक्रमण, ब्लीडिंग, सूजन, दवाओं से भी दर्द कंट्रोल नहीं होने की स्थिति में ही डॉक्टरों को इलाज करना चाहिए. अगर कोई सामान्य समस्या हो तो उसके लिए डॉक्टरों को मरीज की अपॉइंटमेंट कैंसिल कर देनी चाहिए.

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