गुजरात के गांव के एक खेत में वनविभाग को एक पाइप के अंदर से मादा अजगर के साथ 28 अंडे मिले. जिसके बाद वनविभाग की टीम ने 70 दिनों तक उन अंडों की रखवाली की, जिसके बाद उन अंडों में से 28 अजगर स्वस्थ और सुरक्षित बाहर निकले जिसके बाद वनविभाग ने उन सभी को जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया.
दरअसल, ये मामला गुजरात के नवसारी जिले के अंभेटा गांव का है. जहां गांव के रहने वाले एक किसान ने अपने खेत में पड़े पुराने पाइप में एक अजगर को जाते देखा. जिसके बाद उसे कुछ शक हुआ और उसने इस मामले की जानकारी वाइल्ड लाइफ के वॉलंटियर्स को दी.
सूचना मिलते ही वाइल्ड लाइफ के वॉलंटियर्स मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया. उन्होंने पाया कि एक मादा अजगर उस पुराने पाइप पर बैठी है. साथ ही उसके नीचे कई सारे अंडे मौजूद है. वाइल्ड लाइफ वॉलंटियर्स का कहना था कि मादा अजगर कई सारे अंडों पर बैठी थी तो ऐसे में उसे हटाना ठीक नहीं समझा.
वॉलंटियर्स ने इस मामले की जानकारी नवसारी के वनविभाग के अधिकारियों को दी. जिसके बाद करीब 2 महीने से अधिक समय तक यानी 70 दिन तक लगातार वाइल्ड लाइफ वॉलंटियर्स इन अंडों की हिफाजत करते रहे. आखिर 70 दिनों के बाद जब पाइप से मादा अजगर बाहर निकली. तब वाइल्ड लाइफ वॉलंटियर्स ने पाइप की जांच की.
उन्होंने पाया कि वहां 28 अजगर के बच्चे मौजूद हैं. अजगर के सभी 28 बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ थे, जिसके बाद आखिरी प्राथमिक जांच के बाद नवसारी वन विभाग ने उन सभी 28 अजगर के बच्चों को सही सलामत जंगल में छोड़ने का फैसला किया. गणदेवी के राउंड फोरेस्टर जे.बी.टेलर का कहना है कि सामाजिक वनीकरण विभाग नवसारी का गणदेवी रेंज वाइल्डलाइफ है. हमें 28 मार्च को वाइल्डलाइफ के हिमल महेता का कॉल आया था जोकि जे.बी.टेलर राउण्ड फोरेस्टर हैं.
उन्होंने हमें इस मामले की जानकारी दी थी और कहा कि हमने खेत मालिक और आसपास के खेत मजदूरों को समझाया कि ये वाइल्डलाइफ में आता है. साथ ही बताया कि जो मादा अजगर यहां अंडों के ऊपर बैठी है वो उठने वाली नहीं है. सभी को समझाया गया कि जब अंडों में से बच्चे बाहर निकलेंगे तब हम उन्हें कब्जे में लेंगे. जिसके बाद जब 28 बच्चे निकले तो उन्हें जंगल के अंदर सुरक्षित जगह पर छोड़ दिया गया.