मध्य प्रदेश में गुना के जिला अस्पताल से मानवता को शर्मसार करने वाला ऐसा मामला सामने आया है जिससे किसी का भी दिल दहल जाएगा. जहां एक शख्स को अस्पताल में पर्ची न कटवा पाने के कारण समय पर इलाज नहीं दिया गया. मृतक के परिवार का आरोप है मरीज जिला अस्पताल के बाहर बैठा रहा. रात भर अस्पताल के बाहर पड़े रहने के कारण सुबह होते-होते शख्स की मौत हो गई.
दरअसल, मृतक सुनील धाकड़ टीबी की बीमारी के चलते अपनी पत्नी के साथ इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे थे. लेकिन पैसों के अभाव में अस्पताल में भर्ती होने के लिए पर्ची नहीं कटवा सके. वह अशोकनगर जिले के रहने वाले थे. बुधवार शाम को सुनील धाकड़ अपनी पत्नी आरती के साथ इलाज कराने गुना के जिला अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में भर्ती कराने के लिए जब पत्नी रिसेप्शन काउंटर पर पहुंची तो काउंटर पर मौजूद कर्मचारी ने महिला से पैसे मांगे. लेकिन पैसों के अभाव में आरती अपने पति को अस्पताल में भर्ती नहीं करवा सकी.
इसलिए, अस्पताल के सामने पति और बच्चे को लेकर पेड़ के नीचे बैठ गई. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते सुनील धाकड़ को भर्ती नहीं किया जा सका. अगली सुबह गुरुवार को भी हालात यही बने रहे, लेकिन रात भर अस्पताल के बाहर पड़े रहने के कारण लगभग 12 बजे के आसपास सुनील की मौत हो गई.
सुनील की मौत होने के बाद अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और अमानवीय रवैये को लेकर परिजनों में रोष है. वहीं, इस मामले में जब सिविल सर्जन डॉक्टर एस के श्रीवास्तव से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया की सुनील धाकड़ नशे का आदी था जो अक्सर जिला अस्पताल के बाहर बैठा रहता था. हालांकि, इस मामले में भर्ती नहीं कराने पर सिविल सर्जन चुप्पी साध गए.
वहीं, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने भी नाराजगी जाहिर की है. कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन से उक्त मामले में तत्काल रिपोर्ट तलब की है. कलेक्टर ने दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए हैं. साथ ही इस मामले में ग्वालियर संभाग कमिश्नर एम बी ओझा ने भी दुख जताते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
दूसरी ओर अपने पति के शव के पास रोती-बिलखती आरती का कहना है कि यदि उसके पति सुनील को सही समय पर इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच जाती. अस्पताल में भर्ती करने के लिए पर्ची नहीं बन पाने की वजह से मजबूरन उसे पूरी रात अस्पताल के बाहर बैठे रहना पड़ा. परिजनों के मुताबिक, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते सुनील धाकड़ को भर्ती नहीं किया गया जिससे उनकी मौत हो गई.