बता दें कि पहले बैच के ऑर्डर के पूरा हो जाने के बाद सेना की तरफ से इस बंदूक के दूसरे बैच के लिए ऑर्डर दिया गया है. इससे पहले सेना को 72 हजार अमेरिकी असॉल्ट रायफलें मिल चुकी हैं जिसका इस्तेमाल उत्तरी कमांड और ऑपरेशनल एरिया में किया जा रहा है.
इस रायफल की सबसे खास बात ये है कि इसकी रेंज 500 मीटर (आधा किलोमीटर) तक है. इसमें 7.62mm का बोर है. साथ ही इसकी गोली दूसरे बंदूकों के मुकाबले बड़ी होती है जो ज्यादा घातक है. इस बंदूक से लगाया गया निशाना बेहद सटीक होता है और एक गोली में ही दुश्मन को ढेर करने की क्षमता है. यही वजह है कि इसे शूट टू किल रायफल माना जाता है.
सेना के सूत्र ने कहा कि सेना को अपने हथियारों के लिए जो बजट मिला है उसके तहत हम 72 हजार और अमेरिकी असॉल्ट रायफल का ऑर्डर दिया जा रहा है जिससे हमारे सैन्य बलों की ताकत बढ़ेगी.
ये नई रायफलें अभी सेना में इस्तेमाल किए जा रहे इंसास की जगह लेंगी. इंसास को भारत में ही सेना के लिए हथियार बनाने वाली ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की तरफ से तैयार किया गया था.
भारतीय सेना बीते कई सालों से अपने इंसास रायफलों को बदलना चाहती थी लेकिन किसी न किसी वजह से यह काम अटक जाता था. अभी हाल ही में लाइट मशीन गन (एलएमजी) की कमी की वजह से रक्षा मंत्रालय ने इजारायली कंपनी को 16 हजार लाइट मशीन गन का ऑर्डर दिया था.
बता दें कि मई के महीने से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीनी सेना के बीच तनाव बना हुआ है. चीन ने अपने इलाके में भारी सैन्य बलों की तैनाती अभी भी कर रखी है जिसके जवाब में भारत ने भी वहां सैनिकों की संख्या बढ़ाई है.