ईरानी सेना के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है और ईरान इसका बदला लेने के लिए इराक में लगातार अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले कर रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और खराब होते जा रहे हैं.
इसी बीच एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिससे इन दोनों देशों के साथ ही इजरायल के साथ भी ईरान का तनाव और बढ़ सकता है. दरअसल एक रिपोर्ट में दावा किया गया है जिस सुलेमानी की मौत की वजह से अमेरिका-ईरान युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं उसमें इजरायल ने भी अहम भूमिका निभाई है.
एक अमेरिकी समाचार संस्था के मुताबिक कासिल सुलेमानी की हत्या में आंतरिक तौर पर इजरायल ने अमेरिका की मदद की थी. अमेरिका के एनबीसी न्यूज रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 3 जनवरी को जनरल सुलेमानी को मारने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन में इजरायल ने कई खुफिया जानकारी अमेरिकी एजेंसियों को उपलब्ध करवाए थे.
न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के सीरिया के हवाईअड्डे पर मौजूदगी की खुफिया जानकारी मुखबिरों से मिलने के बाद इजरायल ने इसकी पुष्टि करने में मदद की. इजरायल ने अमेरिका को सुलेमानी की इराक के सोलीमनी दमिश्क से बगदाद की उड़ान की जानकारी दी. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑपरेशन के लिए सटीक जानकारी के साथ ही दो स्रोतों के हवाले से उसे सुनिश्चित करने में मदद की जिसके बाद हमले को अमल में लाया गया.
बता दें कि अमेरिका की नजरों में खटक रहे ईरान के कुद्स फोर्स के अगुवा कासिम सुलेमानी को मारने के लिए अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां सालों से मेहनत कर रही थीं. अमेरिकी एजेंसियां सालों से उसकी हर गतिविधि को ट्रैक कर रही थीं. वो कब कहां जा रहे हैं, कितने लोगों के साथ जा रहे हैं, सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं और उनका ठिकाना कहां-कहां है? यह सब जानकारी अमेरिकी एजेंसियों ने पहले ही जुटा ली थी. अमेरिकी एजेंसियों ने इन सभी आंकड़ों का विश्लेषण किया और फिर सुलेमानी पर हमले की योजना बनाई गई.
ईरान पहले ही इजरायल को देश का दुश्मन और क्षेत्र में अमेरिका का एजेंट मानता रहा है. शायद यही वजह है कि ईरान की तरफ से किसी भी संभावित हमले की आशंका के बीच शुक्रवार को इजरायल के दो एफ-35 लड़ाकू विमान ने इराक-सीरिया सीमा पर मौजूद हशेद अल-शाबी पैरामिलिट्री फोर्स के ठिकाने पर बमबारी कर दी. जिसमें आठ लोग मारे गए. हशेद अल-शाबी ईरान का समर्थक गुट है. इजरायल के इस ताजा हमले को ईरान के साथ उसकी पुरानी दुश्मनी को जोड़ कर देखा जा रहा है.
अभी अमेरिका और ईरान की तनातनी खत्म भी नहीं हुई है कि इस आग में एयरस्ट्राइक कर इजरायल ने घी डालने का काम कर दिया है. इजरायल के लॉकहीड मार्टिन एफ-53 फाइटर जेट ने ये हमला इराक-सीरिया सीमा पर शुक्रवार तड़के सुबह किया. इस हमले के बाद इजरायल-ईरान में तनाव और बढ़ना तय है.