जापान सरकार के एक पैनल ने चेतावनी दी है कि देश को एक बार फिर भयावह सुनामी का सामना करना पड़ सकता है. इस बार सुनामी आई तो लहरें 30 मीटर यानी 98 फीट से ज्यादा ऊंची उठेंगी. ये सब होगा एक जोरदार भूकंप के आने के बाद. पैनल ने कहा कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9 हो सकती है. (फोटोः AFP)
भूकंप और सुनामी पर काम करने वाले एक्सपर्ट्स ने कहा कि भूकंप प्रशांत महासागर के नीचे धरती की प्लेटों में कभी भी आ सकता है. इसकी वजह से जापान का होकाइडो और इवाते परफेक्टर सुनामी की चपेट में आ सकते हैं. (फोटोः AFP)
इसी बीच, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जानकारी दी है कि जापान के
टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर को (TEPCO) ने देश में फिर से सुनामी आने की चेतावनी दी है. बुधवार को टेप्को ने सरकारी रिपोर्ट का आकलन करते हुए बताया कि देश को फिर से खतरनाक सुनामी का सामना करना पड़ सकता है जिसका प्रभाव फुकुशिमा न्यूक्लियर स्टेशन पर भी पड़ेगा.
(फोटोः AFP) 9 साल पहले 2011 में भी भयंकर भूकंप और सूनामी से यह स्टेशन बहुत प्रभावित हुआ था. जापान के सरकारी पैनल ने बताया कि महाभूकंप जापान और कुरिल ट्रेंच के उत्तरी हिस्से में आने की आशंका है. इससे जापान का उत्तरी हिस्सा प्रभावित हो सकता है. (फोटोः एपी)
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सरकारी पैनल ने कहा है कि जापान में हर 300 से 400 साल में महाभूकंप और महासुनामी आती है. पिछली बार 17वीं सदी में आई थी. अब फिर से वो समय आ चुका है.
(फोटोः एपी) पैनल ने बताया कि जापान का ट्रेंच होकाइडो द्वीप से दूर जा रहा है. यह शीबा परफेक्चर की तरफ बोसो प्रायद्वीप की तरफ बढ़ रहा है. जबकि, कुरिल ट्रेंच जापान के तोकाची द्वीप से खिसक कर रूस के पूर्वोत्तर की तरफ कुरिल द्वीप की तरफ बढ़ रहा है. जापान के नीचे मौजूद दोनों ट्रेंच में हो रही इस भौगोलिक घटनाओं से भूकंप और सुनामी आने की आशंका है. (फोटोः एपी)
टोक्यो यूनिवर्सिटी के भूकंप विज्ञानी और प्रोफेसर केंजी सटाके इस सरकारी पैनल के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते ऐसा कुछ हो. लेकिन जापान जिस इलाके में है, उस इलाके में ऐसे महाभूकंप और सुनामी पिछले हजारों सालों से आते रहे हैं. (फोटोः एपी)
प्रो. सटाके ने कहा कि रिक्टर पैमाने पर 9 तीव्रता का भूकंप को झेल पाना किसी भी देश के लिए भयावह होगा. जापान ही नहीं ऐसे भूकंप और सुनामी से कोई देश सालों तक उबर नहीं पाएगा. (फोटोः एपी)
प्रो. सटाके की टीम ने अब इस संभावित भूकंप और सुनामी से होने वाले नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है. साथ ही सरकार को बोल दिया है कि क्या-क्या तैयारियां की जा सकती हैं, ताकि कम से कम नुकसान हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके. (फोटोः एपी)
प्रोफेसर केंजी सटाके ने बताया कि जापान के होकाइडो, आओमोरी, इवाते, मियागी, फुकुशिमा, इबाराकी और शीबा परफेक्चर भूकंप और सुनामी के निशाने पर रहेंगे. सुनामी की सबसे बड़ी लहर 98 फीट यानी 30 मीटर ऊंची हो सकती है. (फोटोः एपी)