उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा मामले सामने आया है जहां हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने घेरकर गोलियां बरसा दीं. इसमें DSP समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए हैं जबकि सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
दरअसल, यह पूरा मामला कानपुर देहात के शिवली थाना इलाके का है, यहां
पुलिस ने रात में बिकरू गांव में दबिश दी थी. पुलिस यहां हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे
को पकड़ने गई थी. दबिश के दौरान बदमाशों ने पुलिस को घेरकर फायरिंग कर दी.
इसमें आठ पुलिसवाले शहीद हो गए. वारदात पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी
और अपर मुख्य सचिव गृह से बात की है.
(फोटो: शहीद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा)
जानकारी के मुताबिक बिल्हौर के
सीओ देवेंद्र मिश्र, शिवराजपुर के एसओ महेश यादव, दो सब इंस्पेक्टर और 4
सिपाही शहीद हो गए. इसके अलावा सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें कई की
हालत गंभीर है. विकास दुबे के खिलाफ 60 केस दर्ज हैं. विकास दुबे वही
अपराधी है, जिसने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए
संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या की थी.
उत्तर प्रदेश के
डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा कि विकास दुबे के खिलाफ कुछ दिन पहले हत्या के
प्रयास का केस दर्ज किया गया था. पुलिस विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई थी.
जैसे ही फोर्स गांव के बाहर पहुंची तो वहां जेसीबी लगा दी गई. इस वजह से
फोर्स की गाड़ी गांव के अंदर नहीं जा सकी.
डीजीपी एचसी अवस्थी ने
बताया कि गाड़ी अंदर जाने के कारण पुलिसकर्मी गांव के बाहर ही उतरे. तभी
पहले से घात लगाए बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस की ओर से भी जवाबी
फायरिंग की गई. बदमाश ऊंचाई पर थे. इस वजह से कई पुलिसकर्मियों को गोलियां लगी
है. जबकि 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं.
डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा कि
सीओ, तीन सब इंस्पेक्टर और चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. सात पुलिसकर्मी
घायल बताए जा रहा हैं. मौके पर एडीजी कानून व्यवस्था समेत कई अफसर पहुंच गए
हैं. साथ ही फॉरेंसिक विभाग की टीम भी पहुंच गई है. इसके साथ ही एसटीएफ को
भी मौके पर रवाना किया गया है.