सास की तबियत खराब हुई तो एक शख्स का पूरा परिवार उन्हें देखने पाकिस्तान गया. इसी दौरान लॉकडाउन लगा तो उनके वीजा की अवधि भी खत्म हो गई. ऐसे में जब वह लौटे तो उस शख्स और उसके तीनों बच्चों को तो भारत आने की अनुमति मिल गई लेकिन उसकी पत्नी को बॉर्डर से ही वापस पाकिस्तान भेज दिया. यह दिलचस्प मामला राजस्थान के जोधपुर शहर का है.
कोरोना संक्रमण के चलते देश में हुए लॉकडाउन से पहले पाकिस्तान गई लीलाराम की पत्नी का अब भारत लौटना मुश्किल हो रहा है. लीलाराम के 3 बच्चे भी हैं.
20 फरवरी को लीलाराम का पूरा परिवार पाकिस्तान गया था. लीलाराम ने पाकिस्तानी दूतावास से वीजा लिया. वहीं, उसकी पत्नी को भारत सरकार की ओर से 'नोट ऑब्जेक्शन रिटर्न टू इंडिया (नूरी)' सर्टिफिकेट के जरिए पाकिस्तान जाने की अनुमति दी गई.
उनके परिवार को 60 दिन का वीजा दिया गया लेकिन वहां जाने के बाद लॉकडाउन होने से देश की सीमाएं सील कर दी गईं. कुछ दिनों पहले दोनों देशों की आपसी सहमति के बाद स्पेशल ट्रेन के माध्यम से दोनों देशों में फंसे नागरिकों को लाने का काम शुरू हुआ.
लीलाराम और उसकी पत्नी व तीनों बच्चे भारत के लिए लौट रहे थे, उस समय भारतीय सीमा के बॉर्डर पर भारतीय इमीग्रेशन अधिकारियों ने लीलाराम की पत्नी जनता को भारत आने की अनुमति नहीं दी.
अधिकारियों का कहना था कि दूतावास से मिली सूची में उनका नाम अंकित नहीं है. ऐसे में लीलाराम और उसके तीनों बच्चे भारत आ गए लेकिन उनकी पत्नी को वापस पाकिस्तान लौटना पड़ा. अब लीलाराम का पूरा परिवार परेशान हो रहा है.
उसके तीन मासूम बच्चे अपनी मां का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वहीं, बॉर्डर पार लीलाराम की पत्नी भी अपने बच्चों को देखने के लिए बेसब्र हो रही है. पाकिस्तान में रह रही मां जनता भी अपने बच्चों को लेकर परेशान है.
लीलाराम और उसके तीनों बच्चों की भारत की नागरिकता मिल चुकी है लेकिन उनकी पत्नी जनता को अभी तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है. उसने भी भारत सरकार से गुहार लगाई है कि उसे वापस उसके परिवार तक पहुंचने अनुमति दे.
दरअसल, लीलाराम और उनका परिवार 90 की दशक में पाकिस्तान से भारत आकर रहने लगा था. 2007 में लीलाराम की शादी एक पाकिस्तानी लड़की जनता से हुई और वह भी यहां आकर रहने लगी. करीब सात साल पहले लीलाराम और उसके तीनों बच्चों को तो भारत की नागरिकता मिल गई लेकिन पत्नी की नागरिकता पेंडिंग थी.
लीलाराम की सास बीमार हुई तो फरवरी में उसे देखने पूरा परिवार पाकिस्तान गया लेकिन लौटते में लॉकडाउन लग गया और फिर नूरी वीजा अवधि भी खत्म हो गई. ऐसे में लीलाराम की पत्नी को बॉर्डर से वापस भेज दिया गया.