मध्य प्रदेश के गुना से दिलदहला देने वाला मामला सामने आया है जहां अतिक्रमण को हटाने के लिए एक किसान परिवार और पुलिस के बीच जमकर हंगामा हो गया. जिसके बाद किसान दंपति ने खेती के नुकसान को रोकने के लिए विरोध जताया और घटनास्थल पर ही कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया. इसके बाद आनन- फानन में पुलिस ने उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया.
दरअसल, मॉडल कॉलेज निर्माण के लिए शासकीय कॉलेज प्रबंधन को 20 बीघा जमीन जगनपुर चक क्षेत्र में आवंटित की गई थी. जमीन पर कई वर्षों से गब्बू पारदी नाम के व्यक्ति का अतिक्रमण था. कुछ समय पहले राजस्व और पुलिस की टीम ने मिलकर अतिक्रमण हटवाकर जमीन को कॉलेज प्रबंधन को सौंप दिया गया था, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते यहां निर्माण प्रारम्भ नहीं हो सका. इसके चलते अतिक्रमणकारियों ने दोबारा जमीन को घेरना शुरू दिया.
जानकारी के मुताबिक, गब्बू पारदी नाम ने अतिक्रमण की हुई जमीन पैसे लेकर कुछ किसानों को दे दी. जिसके बाद उन किसानों ने अपनी मेहनत-मजदूरी और लागत से वहां खेती करना शुरू कर दिया. फिर कॉलेज प्रबंधन की शिकायत पर राजस्व और पुलिस विभाग ने दोबारा मौके पर पहुंचकर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए जब कार्रवाई की तो मामला बिगड़ गया.
खेती कर रहे दंपति का कहना था कि हमने पैसे लगाकर मेहनत से फसल तैयार की है. हमें अगर कुछ वक्त दिया जाए तो हम फसल काटकर जमीन खाली कर देंगे. वहीं, उन किसानों को किसी तरह का नोटिस भी नहीं दिया गया था. दंपति की सरकारी अमले से झड़प हुई जिसके बाद किसान दंपति राजू और सावित्री अहिरवार ने कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की. ये देखकर खुद सरकारी अमले के हाथ पांव फूल गए. दोनों को गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
आरोप है कि पुलिस कार्रवाई का विरोध कर रहे परिजनों के ऊपर लाठी चार्ज किया गया यहां तक कि महिलाओं के कपड़े तक फाड़ दिए गए. मासूम बच्चों को लताड़ा गया और बदसलूकी की गई. पुलिस की बर्बरता को देखकर सभी हैरान रह गए. मामला बिगड़ता देख जहर खाने वाले दंपति को जिला अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया है.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए शिवराज सरकार पर निशाना साधा है.
तहसीलदार ने पूरी कार्रवाई को रोकते हुए अतिक्रमणकारियों को उनके हाल पर छोड़ दिया. यही नहीं रोते बिलखते मासूम बच्चों को भी पीछे छोड़ दिया गया. आनन फानन में अस्पताल में भर्ती किसान दंपति समेत 7 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले को लेकर कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कर दी गई है.