कनाडा के रहने वाले जोनो लैंकेस्टर को बचपन से ही बेहद दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसके चलते उनके चेहरे के हालात काफी असामान्य हैं. उनके हालातों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जोनो जब पैदा हुए थे तो उनके मां-बाप ने उनके चेहरे को देखने के 36 घंटों के अंदर ही एडॉप्शन के लिए दे दिया था.
जोनो जब पैदा हुए तो उन्हें ट्रेचर कोलिन्स नाम की समस्या थी. इस दुर्लभ जेनेटिक कंडीशन के चलते उनके गालों की हड्डियां नहीं है. इस समस्या के निवारण के लिए उनके कई ऑपरेशन्स हो चुके हैं. उन्हें कई बार लोगों के मजाक का सामना करना पड़ा है और उनकी जिंदगी का बड़ा हिस्सा तनाव में गुजारा है लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी.
जोनो की जिंदगी बदलनी शुरू हुई जब उन्हें रिफ्लेक्स बार में जॉब मिल गई. इस जॉब के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा और फिर उन्होंने अपने आपको फिटनेस के क्षेत्र में उतार लिया. जोनो मानते हैं कि वे हमेशा से ही काफी शर्मीले रहे हैं लेकिन जब उन्होंने अपने अनुभवों को लोगों के साथ बांटना शुरू किया तो उन्हें भी हिम्मत मिली. ऐसे में वे अब पिछले कई सालों से दुनिया भर के स्कूलों में घूमकर जेनेटिक डिसऑर्डर से ग्रस्त लोगों की हिम्मत बढ़ा रहे हैं.
जोनो को अपने आप के साथ सहज होने में 22 साल से अधिक लग गए. इससे पहले तक वे अपने चेहरे से नफरत करते थे. शारीरिक और आर्थिक तौर पर बेहतर होने के बाद जोनो टेलीविजन में भी काम करने लगे और आज वे अपनी खुद की फाउंडेशन भी बना चुके हैं. इस संस्था को जीन्स फॉर जींस का सपोर्ट मिलता है. जोनो का कहना है कि योगा और मेडिटेशन ने उन्हें कई स्तर पर मदद की है.
जोनो जीन्स फॉर जींस संस्था के साथ पिछले सात सालों से काम कर रहे हैं. ये संस्था ऐसे ही बच्चों के लिए फंड्स इकट्ठा करती है जिन्हें जोनो की तरह जेनेटिक डिसऑर्डर है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 25 में से एक बच्चा जेनेटिक डिसऑर्डर से जूझता है. ऐसे में इस संस्था के पास कई ऐसे लोग आते हैं और जोनो पिछले कई सालों से इन लोगों का हौसला बढ़ा रहे हैं.