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शहीद के.पलानी ने लोन लेकर बनाया था सपनों का घर, देख भी न सके

aajtak.in
  • 18 जून 2020,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST
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शहीद जवान हवलदार के. पलानी उन 20 भारतीय जवानों में से एक हैं जिन्होंने  15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिसंक झड़प का वीरतापूर्वक सामना किया. वो इस हिंसक झड़प में शहीद हो गए. हवलदार के. पलानी तमिलनाडु के रहने वाले थे. उन्होंने कुछ दिनों पहले ही लोन लेकर अपना घर बनवाया था. वह एक साल के अंदर रिटायरमेंट लेकर नए घर में अपने परिवार के साथ रहने के लिए जाने वाले थे. लेकिन 15 जून को भारत और चीन की सेना की झड़प के दौरान शहीद हो गए.

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शहीद के. पलानी की उम्र 40 साल थी. वह तमिलनाडु के रमनपुरम जिले के थिरुवदनाई कस्बे के पास कडुक्कलुर गांव के रहने वाले थे. वे अगले साल रिटायर होने की योजना बना रहे थे. जिसके बाद वह अपने परिवार के साथ रहने वाले थे. शहीद के. पलानी ने 17 लाख रूपये का लोन लेकर अपना घर बनवाया था. उन्होंने अपना घर गांव से 65 किलोमीटर दूर बनवाया था ताकि अपने बच्चों का अच्छे स्कूल में एडमिशन करा सकें.

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3 जून को पलानी का जन्मदिन था उस दिन वह ड्यूटी पर थे. इसी दिन उनके परिवार के लोगों ने गृह प्रवेश किया था लेकिन बॉर्डर पर तनाव के चलते वह पूजा में नहीं पहुंच पाए. उन्होंने फोन पर ही अपनी पत्नी से बातचीत की और गृह प्रवेश के दौरान हुई गणपति पूजा के मंत्रों के जाप सुने. करीब छह महीने पहले आखिरी बार 15 दिन के लिए अपने घर आए थे.

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शहीद के. पलानी के परिवार में पत्नी वानाथ देवी और दो बच्चे हैं जिनमें से एक दस साल के बेटे प्रसन्ना और एक आठ साल की बेटी दिव्या हैं. पलानी के भाई भी आर्मी में क्लर्क के पद पर तैनात हैं. 16 जून को उन्होंने गलवान घाटी में हुई घटना के बारे में बताया और शहादत की जानकारी दी.

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हवलदार पलानी तीन भाई बहनों में सबसे बड़े थे. उन्होंने केवल 10वीं तक पढ़ाई की. उसके बाद 18 साल की उम्र में आर्मी जॉइन कर ली. बाद में डिस्टेंस एजुकेशन के ज़रिए 12वीं पास की साथ ही बी.ए. की डिग्री ली. उनकी पत्नी 33 बरस की हैं और एक प्राइवेट कॉलेज में क्लर्क हैं.

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