जीवन एक रंगमंच है और हम सब कठपुतलियां, जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है. फिल्म आंनंद का यह मशहूर संवाद गुजरात से राजस्थान के माउंट आबू घूमने आए जगदीश के लिए हकीकत बन गया. दोस्तों के साथ नाचते, हंसते, खिलखिलाते जगदीश कुछ ही पलों में सब को अलविदा कह गए और उनका यह आखरी पल मोबाइल में कैद होकर रह गया.
मृतक जगदीश के मित्र योगेश ने रोते-रोते बताया कि हम सूरत से 6 कपल अम्बाजी दर्शन करते हुए आबू आए थे. यहां हमारे पास घूमने के लिए दो दिन थे. हम शाम को साढ़े पांच बजे होटल में पहुंचे. उसके बाद नाश्ता किया, फ्रेश हुए और शाम को खाना खाने के लिए निकले. रेस्टोरेंट में देखा कि होटल में आज गरबा का इवेंट है तो पहले गरबे के लिए सारे चल दिए.
वहां सब लोग गरबा कर रहे थे. कुछ लोग बैठे हुए भी थे. तभी हमारा दोस्त अचानक गरबा करते-करते गिर गया. उसके मुंह से खून निकल आया. उसको हम उठा कर ग्लोबल हॉस्पिटल लेकर गए. उसको डॉक्टर ने देखा और देखने के बाद कहा कि इसकी तो डेथ हो गई है. वो हमारा मित्र था और वो हमारे बीच नहीं रहा है.
जानकारी के अनुसार, गुजरात के सूरत से 6 दोस्त अपने परिवार के साथ रविवार को माउंट आबू घूमने आए थे. इससे पहले उन्होंने गुजरात स्थित अम्बाजी शक्तिपीठ में देवी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया. इसके बाद दोस्तों की यह टोली माउंट आबू पहुंची.
यहां इन्हें दो दिन रुकना था. यहां पहुंचने के बाद दिन भर माउंट आबू में घूमे और मौसम का जमकर लुफ्त उठाया. दिन भर घूमने के बाद सभी लोग होटल में पहुंचे जहां सबने नवरात्र के चलते गरबा खेलने की इच्छा जाहिर की.
साउंड सिस्टम और गरबे की धुन पर ये सभी गरबा खेलने लगे. काफी देर गरबा खेलने और मौज मस्ती के बीच एक दोस्त जगदीश भाई एकदम धड़ाम से जमीन पर गिर गए. जगदीश भाई के जमीन पर गिरते ही मौजूद महिला चिल्लाई और आनन- फानन में जगदीश को नजदीकी हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
जगदीश की अचानक इस तरह हुई मौत के बाद अन्य साथियों में मातम पसर गया. घटना की जानकारी मिलने पर माउंट आबू पुलिस हॉस्पिटल पहुंची और जानकारी ली. शव को मोर्चरी में रखवाया. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.