मध्य प्रदेश पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है, रविवार की देर शाम हिनौता रेंज के गगऊ बीट के सकरा में एक नर बाघ की सड़ी गली लाश नदी में मिली. जिसके बाद पार्क प्रबंधन में हड़कंप मच गया है, लगातार हो रही बाघों की मौतों के कारण टाइगर रिजर्व चर्चा में है. पार्क क्षेत्र से होकर गुजरने वाली केन नदी के किनारे कल एक नर बाघ पी-123 का शव मिला है.
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फील्ड डायरेक्टर केयस भदौरिया ने बताया कि बाघ टी-431 के साथ हुए संघर्ष में वयस्क बाघ पी-123 घायल होकर केन नदी में गिर गया था और 3 दिनों तक पानी में पड़े रहने की वजह से उसकी मौत हो गई.
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टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से बाघ पी-123 की तलाश पार्क के अंदर नदी में की जा रही थी. रविवार को जब टीम रेस्क्यू कर रही थी तो उसका शव नदी के किनारे मिला. शव को मगरमच्छ और अन्य जानवरों ने खा भी लिया है.
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पिछले डेढ़ महीने के अंदर पन्ना में बाघ की मौत का यह तीसरा मामला है. जबकि 9 महीने के अंदर यह पांचवां मामला है. लगातार बाघों के मरने से टाइगर रिजर्व के कर्मचारी भी चिंतित हैं. पिछले 27 जुलाई को गहरीघाट वन परिक्षेत्र की मझौली बीट में भी एक बाघ का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था. बाघों की मौतों से फील्ड अधिकारियों पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं.
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2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था इसके बाद अन्य टाइगर रिजर्व से बाघों को लाकर यहां बसाया गया था। इनका कुनबा बढ़ने लगा था अब इनकी संख्या 50 से अधिक हो गई थी लेकिन बीते कुछ माह से लगातार बाघ मर रहे हैं. और इनकी क्षत-विक्षत लाशें मिल रही हैं. लेकिन वन विभाग की तरफ से इन मौतों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
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