महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर एक गर्भवती आदिवासी महिला को अस्पताल पहुंचने के लिए 28 किलोमीटर लंबा सफर पैदल चलकर पूरा करना पड़ा. यह घटना भामरागढ़ तहसील का है.
(Photo Aajtak)
गढ़चिरौली जिले का भामरागढ़ दूरदराज का ग्रामीण क्षेत्र का इलाका है. इस गांव की एक महिला रोशनी पोदाडी गर्भवती थी. बच्चे को जन्म देने उसे अस्पताल जाना था. लेकिन गांव से नजदीक का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाहिरी में था. जो करीब 28 किलोमीटर दूर था. आने-जाने के लिए कोई साधन नहीं होने के चलते रोशनी और उसके परिवार ने पैदल ही यह रास्ता तय करने का फैसला किया.
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रोशनी अपने परिवार के साथ बारिश में नदी पार करते हुए काफी मुश्किलों से अस्पताल पहुंची. जांच के बाद उसे हेमलकसा स्थित लोक बिरादरी अस्पताल पहुचाया. जहां रोशनी ने एक बच्ची को जन्म दिया. डिलीवरी के बाद यह आदिवासी महिला फिर 28 किलोमीटर जंगल और नदी को पार करते हुए अपने बच्चे के साथ वापस अपने घर पहुंची.
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इस इलाके को मुख्याधारा से जोड़ना बेहद मुश्किल काम हैं. क्योंकि यहां पर आने-जाने का साधन नहीं है. जिसके चलते इन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान ली जाने वाली एतिहात के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. आशा वर्कर आदिवासी समुदाय में घुलमिलकर डिलीवरी को अस्पताल में कराने के लिए प्रोतसाहित करती हैं. जिसकी वजह से जच्चा और बच्चे को किसी तरह की कोई दिक्कत ना आए.
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कई सरकारें आईं और गईं लेकिन यहां पर आज तक सड़क नहीं बनी. एनजीओ इस इलाके में रास्ता और आने-जाने के साधन को जुटाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. लेकिन सरकार की तरफ से अब तक किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल सकी है. जिसकी वजह से यहां पर रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं और दूसरी जरूरी चीजों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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