देश के पंजाब प्रांत की मुख्य बोली होने के अलावा पंजाबी दुनिया के कई देशों में बोली जाती है. दुनिया के अन्य हिस्सों में जहां-जहां भी भारत के पंजाब या पाकिस्तान के पंजाब से लोग जाकर बसे हैं, वो इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं. जालंधर के सरकारी हाईस्कूल के टीचर हरजीत सिंह ने इसी पंजाबी भाषा को बोलने और समझने वाला रोबोट तैयार किया है. (इनपुट-मनजीत सहगल/परमजीत रंगपुरी)
हरजीत सिंह का दावा है कि ये अपनी तरह का दुनिया का पहला रोबोट है जो पंजाबी बोल और समझ सकता है. इस रोबोट का नाम 'सरबंस कौर' रखा गया है. हरजीत सिंह के मुताबिक, इस रोबोट को बनाने में करीब 50 हजार रुपये का खर्च आया है. जालंधर के गांव रोहजड़ी स्थित सरकारी हाईस्कूल के अध्यापक ने इसे 7 महीने में तैयार किया है. यह रोबोट उसका नाम 'सरबंस कौर' लेने पर एक्टिव होता है और फिर पंजाबी में सवाल पूछने पर जवाब भी इसी भाषा में देता है. शुरूआत में सतश्री अकाल से लेकर अब रोबोट गुरबाणी भी सुनाता है.
हरजीत सिंह बताते हैं कि अध्यापक होने के नाते वह चाहते थे कि बच्चों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग आसानी से समझ आ जाए. इसके लिए उन्होंने कनाडा में हुई इसी तरह की कोशिश को उदाहरण लेते हुए पंजाबी में सरबंस नाम की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार की थी. इसी दौरान कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन हो गया. इसी दौरान हरजीत ने रोबोट तैयार करने पर काम करना शुरू किया.
हरजीत की पत्नी जसप्रीत ने दी रोबोट को अपनी आवाज
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार करने के लिए उन्होंने अंग्रेजी के शब्दों को पंजाबी में अनुवाद किया. इसी लैंग्वेज के आधार पर उन्होंने रोबोट तैयार किया. चूंकि रोबोट का स्वरूप एक महिला का था, इसलिए उसका नाम 'सरबंस कौर' रखा गया. फिर यह सवाल आया कि रोबोट को आवाज कौन देगा. हरजीत सिंह की पत्नी जसप्रीत कौर ने यह जिम्मेदारी ली. पहले उन्होंने पत्नी जसप्रीत की आवाज रिकॉर्ड की. फिर उसमें थोड़ा सुधार करने के बाद रोबोट में फीड कर दिया.
ऐसे काम करता है रोबोट
हरजीत सिंह के मुताबिक सरबंस कौर रोबोट में हम जो भी फीड करना चाहें, कर सकते हैं. एक बार उसमें यह बातें फीड करने के बाद जब भी उससे पूछा जाता है तो वह अपने डेटाबेस से उसका सही उत्तर ढूंढता है और फिर सामने वाले को जवाब देता है. हरजीत सिंह ने बताया कि रोबोट तैयार करने में बच्चों के खिलौने, कॉपी के कवर, गत्ता, पैन, प्लग व बिजली की तारों का इस्तेमाल किया गया है. रोबोट में किसी भी तरह का ज्ञान फीड कर वह बच्चों को पढ़ाने का काम कर सकता है. बच्चों के सवालों का जवाब दे सकता है. ओल्ड एज होम्स में अकेलेपन में रहने वाले बुजुर्गों से बातचीत के लिए भी इस रोबोट में इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके डेटाबेस में कई तरह की बातें फीड की जा सकती हैं, ताकि बुजुर्ग कुछ पूछें तो रोबोट उसका जवाब दे सकता है. हरजीत सिंह चाहते हैं कि सबसे पहले अमृतसर स्थित श्री दरबार साहब में इस रोबोट का माथा टिकवाएं.