एक अमीर परिवार के लड़के ने साधारण शादी करने का ऐसा उदाहरण पेश किया जिससे हर कोई प्रेरणा ले सकता है. न कोई बैंड बाजा, न गाना बजाना, सिर्फ गुरुद्वारा साहब में आनंद का रस और अपनी दुल्हन को साईकिल पर लेकर पहुंच गया घर. यह प्रेरणादायक शादी पंजाब के बठिंडा जिले में हुई.
बठिंडा जिले के मोड मंडी के पास रामनगर के रहने वाले गुरबख्शीश सिंह, जिसके पास 40 एकड़ के करीब जमीन है और अपने मां-बाप की इकलौती संतान हैं. प्रदूषण से राहत और समाज को मैसेज देने वाली उनकी शादी सबके बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. उनकी बरात में सिर्फ 12 लोग शामिल हुए, वह भी परिवार के खास रिश्तेदार थे.
बरात सीधी गुरुद्वारे साहब गई. वहां आनंद कार्यालय में शादी के बाद लड़का अपनी दुल्हन को साइकिल पर बैठाकर 25 किलोमीटर दूर अपने गांव पहुंचा.
दूल्हे ने कहा कि बचपन से उसने सोच रखा था कि फिजूलखर्ची से बचा जाए, न पैलेस पर खर्च किया जाए, न गाने बजाने पर, न ही शादी में दहेज लिया जाना चाहिए. बचपन के सपने को अब मैंने साकार कर दिया है. इससे दोनों परिवारों का खर्चा खत्म हुआ और परेशानियों से दूर हुए.
दूल्हे की बहन ने कहा कि बचपन से ही मेरे भाई की इच्छा थी कि वह बिना दहेज, बिना शानो-शौकत के शादी करेगा और साइकल पर अपने दुल्हन को लेकर आएगा. उसने अपना जो सपना बचपन में सुझाया था उसको पूरा कर दिया. गुरुद्वारा साहिब में हुई शादी में 12 लोग परिवार के थे. वहीं से लड़की को साइकिल पर बैठा अपने घर ससुराल लेकर आ गए. इस शादी से दोनों परिवार फिजूलखर्ची और परेशानियों से बचे. समाज के पढ़े-लिखे लोग ऐसे फैसले कर लेते रहेंगे तो बढ़िया सोच मिलती रहेगी.