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राजस्थान में 2 दिनों में 2 बाघ की मौत, एक हुआ लापता

आदित्य बिड़वई/शरत कुमार
  • 22 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST
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राजस्थान में लगातार 2 दिनों के भीतर दो बाघों की मौत और एक बाघ लापता हो चुका है. इससे बाघों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या देश में बाघ सुरक्षित है या नहीं?

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बता दें, सरिस्का में बाघ एसटी -11 की तारबंदी में फंसकर मौत हुई थी. इसके बाद अब रणथंभौर में भी एक बाघ टी-28 की मौत हो गई है. सरिस्का की तरह ही बाघ यहां गांव वालों के गुस्से का शिकार हुआ है.

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दरअसल, 'रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान' उत्तर भारत के बड़े उद्यानों में से एक है. वहां से बाघ टी-28 अपने इलाके खंडार से निकलकर पास के छण गांव में आ गया था. जिसके बाद वो गांव वालों के गुस्से का शिकार हुआ.

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बताया जा रहा है कि बाघ को देखकर ग्रामीणों में खौफ पैदा हो गया और भाग-दौड़ मच गई. इस बीच वन विभाग के कर्मचारी मौके पर आए और उन्हें ग्रामीणों को समझाया कि वह बाघ पर हमला ना करें कुछ देर बाद खुद ही वह वापस जंगल में चला जाएगा. लेकिन भीड़ के हंगामे से घबराकर बाघ बगल के खेत में घुस गया वहां पर खेत में काम कर रहे हैं 2 लोगों पर हमला किया. जिसमें से दोनों लोगों को मामूली चोट आई है.

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मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी और गांव वालों में झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो गई तो वन विभाग ने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की. ट्रेंकुलाइज करने के दौरान ही 12 साल के बूढ़े बाघ को ज्यादा डोज देने मौत हो गई.

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वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि जंगल में गांव वाले और टूरिस्ट की गतिविधियां बढ़ने की वजह से बाघ अपनी टेरिटरी से बाहर निकल रहे हैं जिसकी वजह से गांव वालों से संघर्ष हो रहा है. राजस्थान में फिलहाल रणथंभौर में 65 बाघ है और सरिस्का में 13 बाघ है. इनके अलावा रणथंबोर में 20 बाघ के शावक भी है. बाघ की मौत के बाद भी गांव वालों को शांत करने के लिए कलेक्टर ने जिनके खेतों को नुकसान हुआ है उन्हें 30-30 हजार की मदद दी है.

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