कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लगाया गया. लॉकडाउन की वजह से वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) की परंपरा ने देश में तेजी पकड़ी. लेकिन अब जब लॉकडाउन खुल रहे हैं, ऐसे में लोग वर्क फ्रॉम होम से वर्क फ्रॉम हिल्स पर शिफ्ट हो रहे हैं. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश ने ऐसे लोगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं, जिन्हें वर्क फ्रॉम हिल्स करना है. यानी पहाड़ों की गोद में बैठकर अपना प्रोफेशनल काम करते रहिए.
वर्क फ्रॉम माउंटेन कल्चर को लेकर मनाली के नग्गर में मिड ऑर्चर्ड कॉटेज के संचालक साहिल बच्चन ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से 6 महीने तक होटल कारोबार पूरी तरह बंद रहा. लोग भी घर में रहकर ऊब चुके थे. लॉकडाउन खुलते ही वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोग अब पहाड़ों की ओर रुख कर रहे हैं. इसलिए हमने वर्क फ्रॉम माउंटेन या यूं कहें कि वर्क फ्रॉम हिल्स की शुरुआत की. अधिकतर आईटी क्षेत्र में काम करने वाले लोग अब हमारे होटल में आ रहे हैं. एक से दो महीने तक की बुकिंग लोगों ने की है.
वर्क फ्रॉम माउंटेन पैकेज में हम उनको वाईफाई की सुविधा के साथ तीन वक्त का खाना और सैनिटाइज्ड रूम दे रहे हैं. वीकेंड पर माउंटेन ट्रिप करा रहे हैं. कोरोना काल के पहले लोग 2 से 3 दिन की बुकिंग करते थे, लेकिन अब महीने भर की बुकिंग लोग कर रहे हैं.
क्या है प्रोटोकॉलः सफरनामा ट्रैवल कम्युनिटी के संचालक इशांत कामरा ने बताया कि हिमाचल में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को सरकार के कोरोना प्रोटोकॉल को फॉलो करना होगा. इसके तहत टूरिस्ट को हिमाचल प्रदेश में एंट्री के वक्त ग्रीन रिसीप्ट लेनी होगी. यात्रा के वक्त उसे अपने पास रखना होगा. इसके अलावा उत्तराखंड में यात्रा करने के लिए ग्रीन कार्ड का प्रावधान है. राज्य में दाखिल होने के लिए ई-पास जरूरी है.
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जाने के लिए यात्रियों को यात्रा के 96 घंटे के पहले कोरोना टेस्ट कराना होगा. रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही आपको यात्रा की अनुमति मिलेगी. ICMR अप्रूव्ड लैब से ही किया गया टेस्ट मान्य होगा.
वहीं, उत्तराखंड में भी वर्क फ्रॉम माउंटेन का कल्चर देखने मिल रहा है. यहां के मुक्तेश्वर के ग्रांड हिमालयन होटल के संचालक राजू गौतम बताते हैं कि कोरोना की वजह से कारोबार ठप था. लॉकडाउन खुलने के बाद भी कुछ ही टूरिस्ट आ रहे हैं. इनमें अधिकतर ऑफिस का काम होटल में रहकर कर रहे हैं. लोगों ने डेढ़ से दो माह तक की बुकिंग की हुई है.