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G-20 Summit: 'शंख' जैसा आकार, दीवारों पर भी भारतीय संस्कृति की परछाई... जानें भारत मंडपम से जुड़ी 10 बातें

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST
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G-20 शिखर सम्मेलन को लेकर कई ताकतवर देशों के नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं. राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में बने इंटरनेशनल एग्जिबिशन कम कन्वेंशन सेंटर में 9 और 10 सितंबर को वैश्विक मद्दों पर सभी देशों के नेता चर्चा करेंगे.  इंटरनेशनल एग्जिबिशन कम कन्वेंशन सेंटर को 'भारत मंडपम' नाम दिया गया है. भारत मंडपम को अभी आम लोगों के लिए नहीं खोला गया है. G-20 समिट के बाद इसे आम लोगों के लिए खोला जाएगा. जानिए भारत मंडपम से जुड़ी 10 बातें.

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1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जुलाई को भारत मंडपम का उद्घाटन किया था. भारत मंडपम देश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर है.

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2. ये नाम भगवान बसवेश्वर के 'अनुभव मंडपम' से प्रेरित है. पीएम मोदी ने कहा था, 'अनुभव मंडपम यानी वाद और संवाद की लोकतांत्रिक पद्धति. अनुभव मंडपम यानी अभिव्यक्ति. आज दुनिया ये स्वीकार कर रही है कि भारत लोकतंत्र की जननी है.'

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3. भारत मंडपम के आर्किटेक्ट संजय सिंह ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इसे 'दिल्ली की खिड़की' के रूप में डिजाइन किया गया है. ये भारत की पारंपरिक विरासत और विविधता को दुनिया के सामने दिखाता है.

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4. प्रगति मैदान को रीडेवलप करने का काम 2017 में शुरू हुआ था. इसे नेशनल प्रोजेक्ट के तहत डेवलप किया गया है. इस पर 2,700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यहां एक बार में पांच हजार गाड़ियों को पार्क किया जा सकता है.

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5. भारत मंडपम के हर फ्लोर, हर रूम और हर जगह पर भारतीय संस्कृति और परंपरा की छाप दिखाई पड़ती है. यह 123 एकड़ में फैला हुआ है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि इसका एरिया करीब 26 फुटबॉल स्टेडियम के बराबर है. यह ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ओपेरा हाउस से भी बड़ा है

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6. इस इमारत को 'शंख' के आकार में डिजाइन में किया गया है. इसकी दीवारों पर भी भारतीय संस्कृति की परछाई हैं. दीवारों पर योगमुद्रा बनी हुईं हैं. तंजोर पेंटिंग और मधुबनी आर्ट इसकी दीवारों पर हैं.

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7. G-20 के वेन्यू भारत मंडपम में 27 फीट ऊंची नटराज की मूर्ति लगाई गई है. अष्टधातु से बनी ये नटराज की सबसे ऊंची मूर्ति है. इसे प्रसिद्ध मूर्तिकार राधाकृष्णन स्थापति और उनकी टीम ने सात महीने में बनाया था. करीब 18 टन वजनी इस मूर्ति को बनाने में करीब 10 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

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8. पहले फ्लोर पर 18 रूम बने हैं, जिन्हें आमतौर पर कॉन्फ्रेंस के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही वीआईपी लॉन्ज भी बने हैं. 

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9. दूसरे फ्लोर पर दो बड़े हॉल बने हैं. एक समिट रूम भी बना है. इसके साथ ही इस फ्लोर पर एक बड़ा लॉन्ज एरिया भी है, जिसे जरूरत पड़ने पर समिट रूम के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता था.

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10. तीसरे और आखिरी फ्लोर पर एक बड़ा सा हॉल बना है. इसमें चार हजार लोग बैठ सकते हैं. इससे ही लगा ओपन एम्फीथिएटर बना है, जिसमें तीन हजार लोग बैठ सकते हैं. इस तरह से इस हॉल में एक बार सात हजार लोग बैठ सकते हैं.

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