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8 साल में 367 बार देश में इंटरनेट पर बैन, अब CAA बना वजह

aajtak.in
  • 20 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:36 AM IST
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देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ जगहों पर यह हिंसक भी हो गए हैं. सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हो रहा है. कारण है नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act - CAA). आखिर इंटरनेट बंद क्यों किया जा रहा है? क्योंकि कुछ लोग इसकी बदौलत अफवाहें फैलाते हैं. इन्हीं अफवाहों को रोकने के मकसद से इंटरनेट बंद किया जा रहा है. पिछले 8 साल में ये 367 बार किया जा चुका है.

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आतंक-हिंसा इंटरनेट बंद होने का बड़ा कारण

आठ साल में अब तक देश में कुल 367 बार इंटरनेट बंद किया जा चुका है. इसके पीछे सबसे बड़े कारण रहे हैं आतंकवाद और सांप्रदायिक हिंसा.

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8 साल में 367 बार इंटरनेट बंद

भारत में पिछले 8 साल में कुल 367 बार इंटरनेट बंद हुआ. 2012 में 3 बार, 2013 में 5 बार, 2014 में 6, 2015 में 14, 2016 में 31, 2017 में 79, 2018 में 134 और 2019 में 95 बार. ये जानकारी मिली है इंटरनेट शटडाउंस डॉट इन वेबसाइट से.

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2018 में सबसे ज्यादा इंटरनेट बंदी

साल 2018 में भारत में कुल 134 बार इंटरनेट सेवाएं बंद की गई जो दुनिया में सबसे ज्यादा थीं. उस साल दुनिया में कुल इंटरनेट शटडाउन की घोषणाओं में से 67 प्रतिशत भारत में ही हुईं.

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सबसे ज्यादा इंटरनेट बंदी जम्मू-कश्मीर में

पिछले 8 सालों में सबसे ज्यादा इंटरनेट बंदी जम्मू-कश्मीर में की गई. ये करीब 180 बार है. आतंकी गतिविधियों और वहां होने वाली हिंसा के मद्देनजर ये कदम उठाया गया था.

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अनुच्छेद-370 हटाने का बाद लंबा इंटरनेट शटडाउन

इसी साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुछेद 370 को हटा दिया था. तब से यहां इंटरनेट सेवाएं बंद थीं. यहां आतंकी गतिविधियों के मद्देनजर सबसे ज़्यादा इंटरनेट सेवाएं ठप की गई.

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इंटरनेट ठप करने के मामले में राजस्थान दूसरा

कांग्रेस शासित राजस्थान इंटरनेट ठप करने वाले राज्यों में दूसरे स्थान पर रहा. राजस्थान में इस साल 18 इलाके इंटरनेट ठप होने से प्रभावित हुए. सांप्रदायिक हिंसा और अफवाहों को रोकने के चलते यहाँ पर इंटरनेट सेवाओं को ठप किया गया. इसके बाद असम (12), उत्तर प्रदेश(11) और पश्चिम बंगाल(9) में भी इंटरनेट को ठप किया गया.

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