अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए जिस आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी सेना उतार दी थी, उस अफगानिस्तान से उसकी भले ही विदाई हो गई हो लेकिन उस हमले के निशान आज भी अमेरिकी इतिहास में ताजा हैं.
ठीक 20 साल पहले आज ही के दिन आतंकवादियों ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को हिला कर रख दिया था. उस हमले से न सिर्फ अमेरिका हिला बल्कि पूरी दुनिया हिल गई थी.आतंकियों ने हवाई जहाज को मिसाइल के रूप में इस्तेमाल कर एक झटके में 3 हजार लोगों की जान ले ली और अमेरिका के गौरव को जमीन में मिला दिया था.
दरअसल, 11 सितम्बर 2001 को आतंकी संगठन अल-क़ायदा ने जो हमला किया था, वह आत्मघाती हमलों की श्रृंखला थी. उस दिन सुबह 19 अल कायदा आतंकवादियों ने चार यात्री विमानों का अपहरण किया था.
अपहरणकर्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया, जिससे विमानों पर सवार सभी लोग तथा भवनों के अंदर काम करने वाले अन्य अनेक लोग भी मारे गए थे.
दोनों बड़ी इमारतें 2 घंटे के अंदर ढह गई थीं. यहां तक कि उनके पास वाली इमारतें भी तबाह हो गईं थी और दूसरी इमारतों को भारी नुकसान हुआ था.
अपहरणकर्ताओं ने तीसरे विमान को वाशिंगटन डी.सी. के बाहर आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन से टकरा दिया था.
इन हमलों में लगभग 3 हजार लोग तथा विमानों का अपहरण करने वाले 19 अपहरणकर्ता मारे गए थे.
न्यूयॉर्क राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जून, 2009 तक अग्निशामकों एवं पुलिस कर्मियों सहित, 836 आपातसेवक मारे जा चुके हैं. वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर हुए हमले में मारे गए 2,752 पीड़ितों में से न्यूयॉर्क शहर तथा पोर्ट अथॉरिटी के 343 अग्निशामक और 60 पुलिस अधिकारी थे. पेंटागन पर हुए हमले में 184 लोग मारे गए थे. मरने वालों में 70 देशों के नागरिकों की संख्या थी.
यह हमला कितना बड़ा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस हमले में लगी आग को बुझाने में लगभग 100 दिन का समय लगा था.
इस हमले में ट्विन टावर में 70 से ज्यादा देशों के नागरिक मारे गए थे.
बता दें कि 11 सितंबर को अलकायदा आतंकवादियों के एक ग्रुप ने स्थानीय समय के मुताबिक, 9 बजे वर्जीनिया से लॉस एंजेल्स जा रहे अमेरिकी उड़ान संख्या 77 के विमान को पेंटागन की इमारत से टकरा दिया था. अमेरीकी अधिकारियों के मुताबिक विमान पेंटागन के पहले और दूसरी मंजिल के बीच गिरा, जिसमें 184 लोग मारे गए थे.
इस दिन अमेरिका से चार विमान हाईजैक हुए थे. हाईजैकर्स ने एक विमान को पेंटागन की इमारत से टकरा दिया था, वहीं दूसरे और तीसरे विमान को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारत से टकरा दिया था. हाईजैक हुआ चौथा विमान एक खाली जगह पर क्रैश हो गया था.
इस हमले की वजह से अमेरिका की 10 अरब की प्रॉपर्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर बर्बाद हो गया. 3. 2 करोड़ वर्ग फुट ऑफिस स्पेस खत्म हो गया था. सात दिनों के भीतर 1. 4 लाख करोड़ अमेरिकी शेयर डूब गए थे.