अमेरिका के एक अस्पताल में काम करने वाले हेल्थ वर्कर ने 500 कोरोना वैक्सीन को खराब कर दिया है क्योंकि उसे लगता था कि इस वैक्सीन के चलते लोगों का डीएनए बदल जाएगा. हालांकि वैज्ञानिकों ने लगातार इस दावे को झुठलाया है. 46 साल के स्टीवन ब्रैंडबर्ग को इस घटना के बाद अरेस्ट कर लिया गया है.
ब्रैंडबर्ग विस्कोनसिन के ओरोरा मेडिकल सेंटर में काम करते हैं. इस शख्स ने मॉर्डेना कि कोरोना वैक्सीन डोज को फ्रीज से निकालकर पूरी रात बाहर रख दिया जिससे ये वैक्सीन खराब हो गई. ब्रैंडबर्ग ने माना कि उसने ये जानबूझकर किया है और इस घटना के बाद ब्रैंडबर्ग को नौकरी से निकाल दिया गया है और पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया है.
ब्रैंडबर्ग ने इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को बताया कि उसे ऐसा लगता था कि ये वैक्सीन किसी भी तरीके से सुरक्षित नहीं है और इसके चलते इंसानों का डीएनए बदला जा सकता है. यही वजह है कि उसने इन वैक्सीन्स को खराब करने की कोशिश की थी.
मेडिकल सेंटर ने दावा किया कि उन्हें इस वैक्सीन की 500 से अधिक वैक्सीन को फेंकना पड़ा. इस सेंटर का दावा है कि इसके चलते उन्हें 8100 पाउंड्स यानी लगभग 8 लाख का नुकसान हुआ है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, मॉर्डेना वैक्सीन 94.5 परसेंट प्रभावी हैं और कोरोना वायरस के लिए ये सबसे प्रभावशाली वैक्सीन्स के तौर पर इस्तेमाल की जा रही है. यूके सरकार अब तक इस वैक्सीन के 7 मिलियन डोज ऑर्डर कर चुकी है. हालांकि यूके ने फाइजर और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को अप्रूव किया है और मॉर्डेना वैक्सीन को अभी लाइसेंस नहीं मिला है.