राजस्थान में सिरोही जिले के एक अदिवासी गांव बोर उमरी में एक पांच साल की मासूम के गले में हवा में चला तीर कहीं से आकर धंस गया. आनन-फानन में उस मासूम को परिजन नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए जहां से उसे सिरोही और सिरोही से जोधपुर रेफर कर दिया गया.
इलाज के बाद मासूम की गर्दन में धंसा तीर निकाल दिया गया है और अब मासूम खतरे से बाहर है. यह घटना सोमवार दोपहर की है.
डॉक्टर अर्जुन मोदी ने बताया, “बीते 27 अप्रैल को लगभग तीन बजे कविता नाम की एक बच्ची जिसकी गर्दन में एक लोहे का तीर लगा हुआ था, हमारे अस्पताल में आई. जो तीर लगा हुआ था वो जंग लगा था और गर्दन में काफी गहरा धंसा था. उस तीर को यहां निकाला नहीं जा सका इसलिए हमने प्राथमिक इलाज कर जिला अस्पताल सिरोही रेफर कर दिया.
जिला अस्पताल से भी उसे आगे जोधपुर रेफर कर दिया गया जहां इलाज के बाद गले में फंसा तीर निकाल लिया गया और अब मासूम की हालात बेहतर बताई जा रही है.
दरअसल, जिले के रोहिडा थाना क्षेत्र का यह पूरा इलाका आदिवासी क्षेत्र है. अक्षय तृतीया पर इन आदिवासी इलाकों में चोरी-छिपे पक्षियों के शिकार की परम्परा है. घटना का वक़्त भी यही है. ऐसे में माना जा रहा है कि शिकार के दौरान ही हवा में चला तीर निशाने से भटक कर मासूम की गर्दन में आकर लग गया होगा. अब पुलिस भी इस मामले में अपने स्तर पर उस शिकारी का पता लगा रही है, जिसका तीर मासूम की गर्दन से आर-पार हो गया.