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तालिबान के कब्जे के बीच सुपरमॉडल ने पहना बुर्का, यूजर्स ने उठाए सवाल

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 18 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST
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अफगानिस्तान(Afghanistan) में तालिबान(Taliban) के कब्जे के बाद से ही वहां अफरा-तफरी का माहौल है. सोशल मीडिया पर लाखों लोग इस मामले को लेकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं और कई देशों ने भी अफगानिस्तान में हुए सत्ता हस्तांतरण को लेकर अपनी राय रखी है. लेकिन इस बीच एक सुपरमॉडल(Supermodel) बुर्का(Burkha) पहनने के चलते विवादों में आ गई है. 

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एक्टिविस्ट और मॉडल लिली ने कुछ दिनों पहले ही बुर्के में तस्वीर पोस्ट की थी लेकिन अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों के बीच सोशल मीडिया यूजर्स उनके पोस्ट को देखकर काफी भड़क गए. हालांकि लिली ने दावा किया कि उन्होंने कुछ दिनों से न्यूज नहीं पढ़ी है इसलिए उन्हें अफगानिस्तान में चल रहे हालातों को लेकर कोई अंदाजा नहीं था. 

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लिली ने विवाद को बढ़ता देख इस मामले में माफी मांग ली है. उन्होंने कहा कि वे अब समझ पा रही हैं कि क्यों लोग उनकी बुर्के में तस्वीर को देखकर नाराज हो रहे थे. इस सुपरमॉडल को एक तस्वीर में नीले रंग के बुर्के में देखा जा सकता है वही उनकी दूसरी तस्वीर में उन्होंने पूरी तरह से अपना चेहरा ढका हुआ है. 
 

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उन्होंने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा था कि हमें हर स्तर पर विविधता का स्वागत करना चाहिए. चाहे फिर वो पर्यावरण विविधता हो, सांस्कृतिक विविधता हो या सोचने की विविधता हो.  इन पोस्ट्स के सहारे लिली अपनी नई किताब व्हू केयर्स विन्स को प्रमोट करने की कोशिश कर रही थीं.
 

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ये किताब जलवायु परिवर्तन और इकोलॉजिकल संकट से निपटने के लिए तैयार की गई है. लिली सोशल मीडिया के सहारे पिछले कुछ समय से अपनी किताब को प्रमोट कर रही हैं. लिली के इस पोस्ट को लेकर ना केवल अफगानिस्तान बल्कि ब्रिटेन के सोशल मीडिया यूजर्स भी काफी आलोचना कर रहे थे. 
 

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इस मामले में बात करते हुए हिजाबी हाफ-आवर पॉडकास्ट के को-फाउंडर अंजुम पीरबाकोस ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि ये फैशन परिधान नहीं है और इसे पब्लिसिटी स्टंट के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था. लोग भले ही इसे कैसे भी पहन रहे हों लेकिन सच यही है कि ये एक धार्मिक पोशाक है जिसकी कद्र की जानी चाहिए. 

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गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद सबसे ज्यादा महिलाएं खौफजदा हैं. साल 1996 से 2001 के बीच तालिबान ने अफगानिस्तान पर राज किया था और महिलाओं की आजादी को निर्ममता से खत्म किया गया था. इस बार भी तालिबान के आने के बाद बिलबोर्ड्स से महिलाओं की तस्वीरों को हटाया जा रहा है और इस देश में कई महिलाओं को अपने भविष्य की चिंता सता रही है. 
 

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(सभी फोटो क्रेडिट: Getty Images)

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