कोरोना महामारी के बीच चीन अंतरराष्ट्रीय खबरों में लगातार बना हुआ है. हाल ही में चीन ने हॉन्ग कॉन्ग में नए सुरक्षा कानून लागू करने का ऐलान किया था, जिसका काफी विरोध हो रहा है. दूसरी ओर, चीन के प्रीमिअर ली केकिआंग ने ताइवान का चीन के साथ एकीकरण करने की इच्छा जताई थी, जिसका ताइवान सरकार ने कड़ा विरोध किया. अब कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन अपने दो नए युद्धपोत की तैनाती हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान के बीच कर रहा है.
डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर से चीन लियाओनिंग और
शान्डोंग नाम के एयरक्राफ्ट कैरियर को येलो सी के बोहई की खाड़ी से निकालकर
हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान के बीच परातस आइलैंड के पास तैनात कर रहा है.
ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के इस एक्शन से ताइवान को लेकर
खतरा बढ़ता महसूस हो रहा है.
इससे पहले ताइवान ये बात कह चुका है कि कोरोना महामारी फैलने के बाद से चीन ने ताइवान के पड़ोस में सैन्य गतिविधि बढ़ा दी है. चीन के फाइटर जेट्स के ताइवान के पास से गुजरने की रिपोर्ट्स आई थीं.
बता दें कि लंबे वक्त से चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है. लेकिन ताइवान इससे इनकार करता है. फिलहाल ताइवान में खुद की चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार है. हालांकि, चीन के विरोध की वजह से ही ताइवान को संयुक्त राष्ट्र की कई संस्थाओं में जगह नहीं दी गई है.
कोरोना महामारी के कई देशों में फैलने के साथ ही एक्सपर्ट इस बात को लेकर चिंता जताते रहे हैं कि चीन इस मौके का इस्तेमाल अपनी ताकत बढ़ाने में कर सकता है. ऐसे में दो युद्धपोत को परातस आइलैंड के पास तैनात करने से चीन पर नए सवाल खड़े हो रहे हैं.
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार कोरोना वायरस फैलने के लिए लगातार चीन पर आरोप लगाती रही है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने यहां तक कहा था कि चीन की लैब से कोरोना वायरस फैलने के सबूत अमेरिका के पास हैं. हालांकि, चीन ऐसे आरोपों को लगातार खारिज करता रहा है.