चीन ने 5 मई को अपने मून मिशन के लिए तैयार किए गए रॉकेट CZ5B यानी लॉन्ग मार्च 5बी और प्रोटोटाइप स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च किया था. लेकिन, 6 दिन बाद यानी 11 मई को CZ5B यानी लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क और हॉलीवुड के ऊपर से गुजरता हुआ अटलांटिक महासागर में गिर गया. (फोटोः जोनाथन मैक्डॉवेल)
हैरानी की बात ये है कि अंतरिक्ष से गिरते हुए इस CZ5B रॉकेट पर चीन का कोई नियंत्रण नहीं था. अगर यह जरा सा भी दिशा से चूकता और जमीन पर गिरता तो न्यूयॉर्क या हॉलीवुड में भारी तबाही मचा सकता था. क्योंकि यह 100 फीट लंबा और 17,800 किलोग्राम वजनी था. (फोटोः AFP)
हार्वर्ड एंड स्मिथसोनियन सेंटर के अंतरिक्ष विज्ञानी जोनाथन मैक्डॉवेल ने बताया कि चीन का CZ5B रॉकेट न्यूयॉर्क से मात्र 170 किलोमीटर ऊपर से निकला है. उसके बाद यह नौकचॉट के पास अटलांटिक महासागर में जाकर गिर गया. अगर यह दिशा भटकता तो भारी नुकसान हो सकता था. (फोटोः CNSA)
जोनाथन मैक्डॉवेल ने बताया कि कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल लायबिलिटी ऑफ डैमेज कॉज्ड बाय स्पेस ऑब्जेक्ट्स के नियमों के तहत अगर इस रॉकेट से किसी को नुकसान पहुंचता तो चीन को नुकसान की भरपाई देनी पड़ सकती थी. लेकिन, किस्मत अच्छी है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ. (फोटोः CNSA)
आपको बता दें कि चीन ने 5 मई को अपने मून मिशन के लिए तैयार किए गए रॉकेट और प्रोटोटाइप अंतरिक्षयान यानी स्पेसक्राफ्ट का सफल परीक्षण किया. ये परीक्षण चीन के हैनान प्रांत में स्थित वेनचांग लॉन्च पैड से किया गया. (फोटोः CNSA)
चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार स्थाई स्पेस स्टेशन को चलाने और चांद पर अपने एस्ट्रोनॉट्स को भेजने के लिए यह बेहद जरूरी मिशन है. लॉन्च पैड से लॉन्ग मार्च 5B रॉकेट ने उड़ान भरी. करीब 9 मिनट बाद एक मानव रहित प्रोटोटाइप अंतरिक्ष यान को उसकी तय कक्षा में पहुंचा दिया. 8 मई को यह स्पेसशिप सफलतापूर्वक वापस धरती पर लौट आया था. इस स्पेसशिप में पैराशूट की जगह गद्दे दिए गए हैं. लेकिन रॉकेट अंतरिक्ष में ही तैर रहा था. (फोटोः CNSA)
कार्गो रिटर्न कैप्सूल का परीक्षण संस्करण भी रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया. अंतरिक्ष यान एक दिन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन पर ले जाएगा, जिसे चीन साल 2022 तक पूरा करने की योजना बना रहा है. इसके बाद चंद्रमा पर ले जाएगा. (फोटोः AFP)
इस कैप्सूल में छह एस्ट्रोनॉट्स बैठ सकेंगे. चीन मैन्ड स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिक जी. किमिंग ने बताया कि टेस्ट मिशन और कैप्सूल को उनकी परीक्षण उड़ानों को पूरा करने के बाद शुक्रवार को लैंडिंग स्थल पर वापस आना है. (फोटोः AFP)
इस लॉन्च मिशन के लीडर झांग ने कहा कि इस सफल लॉन्चिंग ने चीन के स्पेस मिशनों के लिए और ज्यादा हिम्मत और आत्मविश्वास दिया है. फिलहाल अमेरिका अकेला ऐसा देश है जिसने चांद पर इंसानों को भेजा है. (फोटोः AFP)
मगर, बीजिंग ने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने, कक्षा में उपग्रहों और चंद्रमा के सुदूर हिस्सों तक रोवर भेजने के अपने प्रयासों में भारी प्रगति की है. मार्च में 7A मॉडल और अप्रैल में 3B मॉडल की विफलताओं के बाद, 54 मीटर ऊंचे लॉन्ग मार्च 5B की सफल उड़ान से चीन ने पूरी दुनिया को फिर भरोसा दिलाया है कि वो ऐसे मिशन कर सकता है. (फोटोः एंड्रयू जोन्स)
चीन इस साल जुलाई महीने में मंगल ग्रह पर अपना ऑर्बिटर और रोवर भेजने की तैयारी में है. इस मिशन की सफलता से चीन खुश है. क्योंकि इसके पहले मार्च और अप्रैल में इसके दो मिशन फेल हो गए थे. हालांकि, चांद पर चीन ने अपना रोवर यूतु पहुंचा चुका है. (फोटोः एंड्रयू जोन्स)