कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जो लॉकडाउन किया गया उसकी सबसे ज्यादा मार गरीबों पर पड़ी है. राजस्थान के भरतपुर में अब एक बुजुर्ग दंपति दाने-दाने के लिए मोहताज है. बुजुर्ग महिला मजदूरी कर अपना, पति और बेटे का पेट भरती थी. बुजुर्ग शख्स की आंखों की रोशनी जा चुकी है और वो कई बीमारियों से ग्रस्त हैं लेकिन अब उन्हें खाना तक नसीब नहीं हो रहा है.
भीख मांग कर खाने को मजबूर बुजुर्ग दंपति जब इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे तो उन्हें डॉक्टरों ने यह कह कर भगा दिया कि अगर यहां भर्ती हुए तो कोरोना हो जाएगा. बुजुर्ग महिला का नाम मछला देवी है जबकि पीड़ित पति का नाम रामवीर है.
बुजुर्ग महिला अपने पति के साथ आए दिन सड़कों पर चलती नजर आती हैं और राहगीर जो खाना-पानी दे देते हैं उसी से अपना पेट भरती हैं. वहीं बुजुर्ग दंपति को लेकर भरतपुर के जिला कलेक्टर राजेश गोयल ने कहा, एक बुजुर्ग दंपति का मामला सामने आया है. वद्ध महिला का पति देख नहीं सकता जबकि पुत्र मानसिक रोगी है.
उन्होंने कहा, प्रशासन इनके खाने का इंतजाम करेगा साथ ही उनकी वृद्धावस्था पेंशन की भी जांच की जाएगी. दिक्कतों को दूर कर उन्हें फिर से पेंशन दी जाएगी.
अधिकारी ने बताया कि अन्य सामाजिक योजनाओं से भी उन्हें फायदा पहुंचाने की कोशिश की जाएगी. बता दें कि वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलने के कारण यह दंपति दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.