दुनिया कोरोना वायरस से बुरी तरह जूझ रही है, दूसरी ओर दक्षिण चीन सागर में चीन अपनी मिलिट्री ताकत का प्रदर्शन कर रहा है. अब प्रतिक्रिया के तौर पर अमेरिका ने तीन युद्धपोत दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में भेज दिये हैं.
दक्षिण चीन सागर के 20 लाख स्क्वॉयर मील क्षेत्र को लेकर लंबे वक्त से विवाद रहा है. ब्रिटिश मीडिया डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन अंतरराष्ट्रीय कानून को नजरअंदाज करते हुए क्षेत्र से तेल निकालने और न्यूक्लियर रिएक्टर तैयार करने की प्लानिंग कर रहा है.
एक्सपर्ट भी ये डर जताते रहे हैं कि दक्षिण चीन सागर वह जगह है जहां से चीन, अमेरिका और रूस के बीच युद्ध शुरू हो सकता है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे कह चुके हैं कि अमेरिका के साथ युद्ध की नौबत आती है तो उनका देश किसी भी कीमत पर लड़ेगा.
ग्लोबल इकोनॉमी के लिए दक्षिण चीन सागर को काफी अहम समझा जाता है. इस क्षेत्र से होकर महत्वपूर्ण व्यापारिक जहाज गुजरते हैं. चीन ने पहले ही तीन विवादित रीफ को मिलिट्री बेस में बदल दिया है.
कई देश ये आरोप लगाते रहे हैं कि चीन संयुक्त राष्ट्र के समुद्री कानून का उल्लंघन कर रहा है. वहीं, विवाद के केंद्र में Spratly और Paracel द्वीप समूह का मालिकाना हक है. जो देश इन आइलैंड्स को हासिल करेगा, आसपास के जल क्षेत्र पर भी उसी का अधिकार हो जाएगा.