पाकिस्तान पर फिर लगा है परमाणु तकनीक की स्मगलिंग करने का आरोप. इस बार पाकिस्तानियों ने अमेरिकी परमाणु तकनीक की स्मगलिंग की है. अमेरिका ने पांच पाकिस्तानियों पर परमाणु तकनीक की स्मगलिंग करने का आरोप लगाया है. अमेरिकी सरकार और खुफिया एजेंसियों ने इन पांचों परमाणु स्मगलर्स की पहचान कर ली है. साथ ही इनके रहने की जगह और काम करने की जगह की भी पहचान कर ली है.
पाकिस्तान ने जिन लोगों की पहचान की है वो हैं - कनाडा में रहने वाले 48 वर्षीय मोहम्मद अहसान वली और 82 वर्षीय हाजी वली मोहम्मद शेख, हांगकांग में रहने वाले मो. अशरफ खान, यूके में रहने वाला 52 वर्षीय अहमद वाहिद और पाकिस्तान में रहने वाला मोहम्मद कामरान वली.
जिन पांच पाकिस्तानियों को अमेरिका ने चिन्हित किया है वे रावलपिंडी में मौजूद कंपनी 'बिजनेस वर्ल्ड' से जुड़े हैं. इन पर अमेरिका ने आरोप लगाया है कि ये इसी कंपनी के जरिए पाकिस्तान के लिए अमेरिकी परमाणु तकनी की स्मगलिंग करते आ रहे हैं.
अमेरिका ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा, इकोनॉमिक पावर्स एक्ट और एक्सपोर्ट कंट्रोल रिफॉर्म एक्ट का उल्लघंन किया है. ये पांचों पाकिस्तानी कनाडा, हांगकांग और यूके से परमाणु तकनीक की स्मगलिंग करते आ रहे हैं.
ये पांचों पाकिस्तानी एडवांस्ड इंजीनियरिंग रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन और पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन के लिए अमेरिका में बने परमाणु उत्पादों की खरीद-फरोख्त दुनियाभर के देशों से कर रहे थे. जबकि अमेरिकी तकनीक को अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस के जरिए ही हासिल किया जा सकता है. इन पांचों पाकिस्तानियों ने अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लघंन किया है.
अमेरिका के एसिसटेंट एटॉर्नी जनरल जॉन डेमर्स ने कहा कि इन पांचों पाकिस्तानियों ने जो अपराध किया है उससे अमेरिका सहित पूरी दुनिया और इंसानियत को खतरा है. ये कई देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं. इसलिए ऐसा लगता है कि अब अमेरिका को एक्सपोर्ट नियमों को और मजबूत व सख्त करने होंगे.
पाकिस्तान में परमाणु तकनीक चुराने, स्मगलिंग करने और उनका दुरुपयोग करने की परंपरा रही है. इससे पहले भी पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक एक्यू खान पर धोखे से एटमी हथियार हासिल करने का आरोप लगा था. एक्यू खान ने कनाडा से एटमी टेक्नीक चोरी कर पाकिस्तान में न्यूक्लियर प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी.
एक्यू खान ने यही इतना नहीं किया था कनाडा से चोरी की गई तकनीक को उन्होंने ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया जैसे अमेरिका विरोधी देशों को बेचा भी था. इन सबके बावजूद पाकिस्तान परमाणु हथियारों को लेकर अपनी महत्वकांक्षा को कम नहीं कर पा रहा है.
इन सब आरोपों के बाद भी पाकिस्तान अपना परमाणु कार्यक्रम चला रहा है. साथ ही दुनिया भर से मिसाइल, परमाणु तकनीक और हथियार बनाने की तकनीक की स्मगलिंग की और चोरी की. साथ ही इन्हें ऐसे देशों को बेचा जो दुनिया में शांति स्थापित करने के खिलाफ हैं.
पाकिस्तान द्वारा न्यूक्लियर तकनीक की स्मगलिंग करना भारत के लिए भी चिंता का विषय है. क्योंकि अभी तक ये नहीं पता चल पाया है कि ये पांचों पाकिस्तानी इस तकनीक का उपयोग किस देश के खिलाफ करना चाहते थे. लेकिन इनके बारे में ये खुलासा होना ये स्पष्ट करता है कि इससे भारत समेत कई देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा बेहद खतरे में हैं.
अमेरिकी नियमों के मुताबिक किसी भी देश को अमरेका से अगर परमाणु तकनीक लेनी है तो उसे पहले एक्सपोर्ट लाइसेंस लेना होता है. अगर यह नियम टूटता है तो यह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ माना जाता है.
अभी तक इन पांचों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है लेकिन अमेरिकी प्रशासन के अनुसार इन पांचों पाकिस्तानियों ने स्मगलिंग किए गए परमाणु तकनीक के सही खरीदार की पहचान भी छिपाई है. हालांकि ये उत्पाद अब भी पाकिस्तान में ही हैं.