कोरोना वायरस का कहर जारी है, धीरे-धीरे ये वायरस और खतरनाक होता जा रहा है. इसी बीच दवा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स की एक दवा को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है. कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को अब ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स की दवा दी जा सकेगी.
दरअसल, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने अपने एक बयान में बताया कि
कंपनी ने कोरोना वायरस के पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा
फेविपिराविर को फेबीफ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है.
ग्लेनमार्क को 19 जून
को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से फेविपिराविर या
फेबीफ्लू के विनिर्माण और विपणन के लिए मंजूरी दी गई है.
कंपनी ने
उम्मीद जताई कि इस दवा से कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज को लेकर मौजूदा
दबाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी. कंपनी का कहना है कि कोरोना
वायरस के हल्के संक्रमण से पीड़ित मरीजों पर इस दवा ने अच्छे नतीजे दिए
हैं.
हालांकि कंपनी ने कहा कि यह दवा चिकित्सक की सलाह पर मिलेगी.
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा
के मुताबिक क्लिनिकल परीक्षणों में फेबीफ्लू ने कोरोना वायरस के हल्के
लक्षण वाले मरीजों पर अच्छे नतीजे दिए.
उन्होंने यह भी बताया कि यह
खाने वाली दवा है और इलाज का सुविधाजनक विकल्प है. कंपनी सरकार और
चिकित्सा समुदाय के साथ मिलकर काम करेगी ताकि देश में मरीजों को आसानी से
ये दवा मिल सके.
मालूम हो कि इस दवा को मंजूरी ऐसे समय मिली है जब
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है. पहले की तुलना में
भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में कोरोना के
मरीजों की संख्या चार लाख के करीब पहुंच चुकी है.
दुनिया भर में
अभी तक इस वायरस से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनाई गई है. लेकिन
इसके लक्षणों के आधार पर ही चिकित्सक इसके इलाज में दूसरी जरूरी दवाओं का
उपयोग कर रहे हैं. हालांकि कई देशों में इसकी वैक्सीन बनाने का काम चल रहा
है.
भारत में कोरोना वायरस के नए मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती
जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाने की
सलाह लगातार दी जा रही है. हालांकि आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए
अनलॉक-1 लागू है.
ताजा आंकड़ों की बात करें तो भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या चार लाख के पार हो चुकी है जबकि 12900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. ये आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं.