उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के पिलखुवा विकास प्राधिकरण (HPDA) द्वारा विकसित कॉलोनी प्रितविहार के कॉलोनीवासी प्राधिकरण के उदासीन रवैये के कारण मकान बेचकर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं, जिसके बाद कॉलोनी वासियों ने मकानों पर मकान बेचने के स्टिकर लगाकर प्राधिकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
दरअसल, कालोनीवासियों का आरोप है कि प्रीत विहार कॉलोनी को विकसित हुए 15 से 20 वर्ष हो चुके हैं, परंतु आजतक कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सीवर, सड़क आदि की सुविधाएं भी प्रदान नहीं की गई हैं. आए दिन और कॉलोनी वासियों ने प्राधिकरण के अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की है, लेकिन उच्च अधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बावजूद भी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाया है.
कॉलोनी के रहने वाले लोगों का कहना है कि कॉलोनी में पानी की टंकी और पाइप लाइन बिछी हुई है, परंतु आज तक पानी की सप्लाई चालू नहीं हुई है, साथ ही सीवर लाइन सप्लाई प्राधिकरण ने चालू नहीं की है जिसके कारण सीवर आए दिन भरते रहते हैं और ओवरफ्लो होने के कारण गंदगी, बदबू और मच्छर से बीमारियों का डर हमेशा बना रहता है. सड़कें भी प्राधिकरण द्वारा बनाई हुई सड़कें उसी समय की है. जब कॉलोनी विकसित की गई उसके बात से आज तक कोई मरम्मत कार्य भी नहीं किया गया है. लोगों को बिजली की समस्या भी झेलनी पड़ रही है.
कॉलोनी वासियों द्वारा मकान बनाने के उपरांत निवासियों को खंबे में ट्रांसफार्मर के कारण आए दिन बिजली बाधित रहती है और रात में स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है, जिससे आए दिन कॉलोनी वासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कॉलोनीवासी मनोज त्यागी का कहना है कि इन समस्याओं और मांगों को लेकर आज कॉलोनी वासियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए प्राधिकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की.
साथ ही कॉलोनी वासियों राजेश कुमार को कहना है कि यदि प्राधिकरण के आला अधिकारी मामले में जल्द कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, तो कॉलोनीवासी कॉलोनी से पलायन के लिए मजबूर हो जाएंगे, इसके बाद हम धरना प्रदर्शन और आत्मदाह के लिए भी तैयार हैं.